खैरथल कस्बे के कई पर्यावरण प्रेमियों सहित कस्बे के लोगों ने बताया कि वायुमंडल हमारे स्वास्थ्य को सर्वाधिक प्रभावित करता है और जब यह पर्यावरण ही प्रदूषित हो जाए तो आप कल्पना कर सकते हैं की हम कितने स्वस्थ्य हैं। कस्बे में वर्षों से जल एवं वायु प्रदूषण के कारण कस्बा व क्षेत्र त्रस्त हैं। औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाला हजारों लीटर केमिकल युक्त प्रदूषित पानी व जहरीला काला धुआं पर्यावरण को दूषित कर रहा हैं। वहीं वर्षोँ से खुले में बह रहे जहरीले पानी से किसान खेती की सिंचाई भी कर रहे हैं। जिससे पशुओं के अलावा मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है ।
इसके अलावा आबादी इलाको में लगी मावा बनाने वाली फैक्ट्रियां ,कुम्हारों के मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए लगी पुराने जमाने की भट्टियों (अवा )से निकलने वाले काले धुएं से लोग बेहद परेशान हो रहे है ।फैक्ट्रियों से निकलने वाला काला धुंआ व जहरीले पानी से कस्बे का पर्यारण इतना दूषित हो गया है कि यहां लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। यहां की उपजाऊ भूमि बंजर बन गई है।