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अलवर

सरकारी स्कूलों के नौनिहाल कागजों में ही बन रहे समाजसेवी…पढ़ें यह न्यूज

सभी राउमावि में ग्रीष्मावकाश में विद्यार्थियों का 15 दिवसीय समाजसेवा शिविर लगाया जाना है और अधिकतर ने इसकी तिथि विभाग को 17 से 31 मई तक दे रखी है, लेकिन ऐसे विद्यालयों में ये शिविर केवल कागजों में ही चल रहे है।

अलवरMay 24, 2024 / 11:48 pm

Ramkaran Katariya

अलवर. जिले में इन दिनों स्कूली बच्चों में समाजसेवा की भावना जाग्रत करने सहित उन्हें अच्छा नागरिक बनाने के लिए सरकारी विद्यालयों में समाजसेवा शिविरों के आयोजन को लेकर केवल कागजी खानापूर्ति की जा रही है। दूसरी ओर उपार्जित अवकाश के नाम पर कार्मिक चपत लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि सभी राउमावि में ग्रीष्मावकाश में कक्षा 11 में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का 15 दिवसीय समाजसेवा शिविर लगाया जाना है और अधिकतर विद्यालयों ने इसकी तिथि विभाग को 17 से 31 मई तक दे रखी है, लेकिन ऐसे विद्यालयों में ये शिविर केवल कागजों में ही चल रहे है। कुछ चंद विद्यालय इसका लाभ स्कूली बच्चों को दिला पा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार विद्यालयों से सभी ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने समाजसेवा शिविर के बारे में जानकारी मांगी तो शिविर की सूचना तो सभी ने दी, लेकिन शिविर लगाना मुनासिब नहीं समझा। आरोप है कि ऐसे विद्यालय अब अंतिम तिथि 31 मई को विद्यालय में स्कूली बच्चों को बुलाकर खानापूर्ति कर विभाग को इसकी सूचना भिजवा देंगे।
ये कर रहे अन्य विद्यालयों के लिए नजीर पेश

कुछ विद्यालय ऐसे भी हैं, जो बच्चों को समाजसेवा के गुर सिखाने के अलावा अन्य विद्यालयों के लिए नजीर पेश कर रहे हैं। जिन्दोली राउमावि में समाजसेवा शिविर के साथ समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बच्चों को अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से समाज सेवा सिखाने, शिक्षाविदों और होनहार छात्रों के माध्यम से उन्हें हर क्षेत्र का ज्ञान देने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के छात्र की ओर से भी छात्रों को मार्गदर्शन दिया गया। जिले में ऐसे ही चन्द विद्यालय और भी है, जो इन शिविरों के आयोजन को गम्भीरता से ले रहे हैं।
सरकारी खजाने को भी चपत

शिविर में डयूटी दे रहे शिविर प्रभारी सहित दल नायक को पीएल यानि उपार्जित अवाकश का लाभ मिलता है। राजस्थान सेवा नियम 92 बी के अनुसार प्रति तीन दिवस डयूटी देने पर एक उपार्जित अवकाश उसकी सेवा पुस्तिका में इन्द्राज हो जाती है। ऐसे में 15 दिन के शिविर में 5 उपार्जित अवकाश का लाभ शिविर प्रभारी को मिलेगा, जिसे सरेण्डर करने पर हजारों की राशि प्राप्त होती है। आरोप है कि शिविर का आयोजन न कर कर्मचारी उपार्जित अवकाश के नाम पर सरकारी खजाने को भी चपत लगा रहे हैं।
जांच कर करेंगे कार्रवाई

जिला शिक्षा अधिकारी अलवर  नेकीराम ने बताया कि जो विद्यालय शिविर की तिथि निर्धारित कर शिविर नहीं लगा रहे और कागजों में इसकी पूर्ति कर रहे हैं, तो ये गलत है। इसके लिए सभी सीबीईओ को निर्देशित किया जाएगा कि वे अपने क्षेत्र के स्कूलों की जांच कर रिपोर्ट हमें भेजे। शिविर नहीं लगाने वाले विद्यालयों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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