धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति तो मिली है, लेकिन वहां भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेसिंग के साथ सीमित संख्या में ही दर्शनार्थियों की अनुमति दी गई है। ऐसे में आगामी दिनों में विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक रूप से होने वाले रामलीला आयोजन व दशहरे पर रावण दहन कार्यक्रम होने की संभावना अभी नगण्य है। हालांकि सरकार की ओर से आगामी दिनों में अनलॉक गाइडलाइन में कोई बडा बदलाव नहीं होता है तो इस बार लोगों को ऐसे आयोजनों व मेलों को देख पाने से वंचित रहने की पूरी संभावना है।
पहले भी जिले में कई मेले नहीं हो पाएकोरोना के चलते इस साल जिले के सबसे बडे जगन्नाथ महोत्सव का मंदिर परिसर में ही प्रतीकात्मक आयोजन हो पाया था, इसके अलावा बाला किला परिसर स्थित करणीमाता मंदिर पर हर साल नवरात्र में भरने वाला मेला, भर्तृहरिधाम पर भरने वाला लक्खी मेला, सरिस्का स्थित पाण्डुपोल हनुमान मंदिर पर भरने वाला मेले सहित कई अन्य बडे आयोजन नहीं हो सके हैं।अभी कोरोना संक्रमण से बचाव जरूरीकोरोना संक्रमण से बचाव जरूरी है, इस कारण भीड भरे आयोजनों की अनुमति नहीं है। अभी एक साथ 50 व्यक्तियों से ज्यादा के एक साथ एकत्र होने की अनुमति नहीं है। रामलीला व रावण दहन जैसे कार्यक्रमों की अभी अनुमति नहीं दी गई है।उमेदीलाल मीना अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर अलवर