सरिस्का कोर एरिया यह सरिस्का का कोर एरिया है। जिसमें वन्यजीवों की गतिविधियों में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं की जा सकती। जिसके कारण किसी तरह का निर्माण नहीं हो सकता। फिर भी कुछ जगहों पर अवैध रूप से होटल बन गए हैं। जबकि इस क्षेत्र के चारों तरफ सरिस्का का क्षेत्र हैं। जहां पर बाघ व पैंथर जैसे वन्यजीवों की गतिविधि भी बनी रहती है। इस तरह होटल व अन्य गतिविधियों के बढऩे से वन्यजीवों पर खतरा बढ़ता है।
ले रहे पैसा पर्यटक विनय कुमार व सचिन ने बताया कि यह सच है कि पाल के पास बने होटल के अन्दर प्रवेश तभी दिया जाता है जब या तो पार्र्किंग का शुल्क दें या फिर मगरमच्छ देखने की राशि दी जाए। इसके बिना अन्दर घुसने नहीं दिया जाता है। मगरमच्छ यहां खूब हैं। इसलिए लोग आते हंैं।
सिलीसेढ़ की पाल पर बना दिया होटल सिलीसेढ़ की पाल से लगते करीब 80 मीटर के दायरे में बांध के पानी का रिसाव होता रहता है। जहां हमेशा 10 फीट से अधिक पानी भरा रहता है। इस पानी में करीब 100 से अधिक मगरमच्छ हमेशा रहते हैं। जिनके कारण बगल में मुख्य रोड पर होटल बना दिया गया। इस होटल में पर्यटकों को नजदीक से मगरमच्छ दिखाने के नाम पर प्रवेश दिया जाता है। बाहर के पर्यटक होतें हैं तो एक व्यक्ति से 100 रुपए तक वसूल लेते हैं। स्थानीय पर्यटकों से भी 50 रुपए तक वसूली कर रहे हैं। जिसको लेकर सिंचाई व पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अलावा प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत की जा चुकी है। फिर भी होटल संचालकों की मनमर्जी चल रही है।
नहीं ले रहे कोई फीस पाल के पास बने होटल में पर्यटकों के प्रवेश पर कोई शुल्क नहीं है। न मगरमच्छ दिखाने के नाम पर पैसा ले रहे हैं। इतना जरूर है कि पार्र्किंग करने वाले वाहनों से शुल्क लेते हैं।
अमित, निजी होटल संचालक