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अलवर जेल में बंदी ने पकड़वाया मोबाइल, नाराज बंदी ने दीवारों व सलाखों में मारकर फोड़ दिया सिर

अलवर कोर्ट परिसर की बैरक में एक बंदी ने दूसरे बंदी का सलाखों में सिर मारकर फोड़ दिया।

अलवरJun 22, 2018 / 09:47 am

Prem Pathak

Deadly Fight between two prisoners in alwar court barrack

अलवर जेल में बंदी ने पकड़वाया मोबाइल, नाराज बंदी ने दीवारों व सलाखों में मारकर फोड़ दिया सिर

गंगापुर के चर्चित चेयरमैन हत्याकांड के बंदी गुरुवार को कोर्ट परिसर की बैरक में आपस में भिड़ पड़े। इस दौरान कुछ बंदियों ने एक बंदी की जमकर पिटाई बना दी। हवालात की दीवार व सलाखों से टकरा-टकराकर उसका सिर फोड़ दिया। मारपीट में बंदी के आंख व सिर में चोट आई। घटना के दौरान बैरक के आस-पास लोगों की भीड़ लग गई।
बाद में चालानी गार्डों ने ताला खोलकर बीच-बचाव करा घायल बंदी को उपचार के लिए सामान्य चिकित्सालय भिजवाया। मामले में घायल बंदी जलोखरी अलीगढ़ निवासी रामकुमार शर्मा पुत्र दुर्गाप्रसाद ने मामला दर्ज कराया।
कोतवाल बालाराम ने बताया कि कोर्ट में पेशी पर गुरुवार को गंगापुर चेयरमैन हत्याकांड के आरोपित रामकुमार, योगेश पुत्र रामजीलाल, राहुल पुत्र लालाराम, चिंटू, शौकीन सहित कई बंदी आए। चालानी गार्डों ने चेयरमैन हत्याकांड के मुलजिमों को एक ही बैरक में बंद कर दिया। पुलिस को दी रिपोर्ट में रामकुमार ने बताया कि तीन-चार दिन पहले उसने जेल स्थित अपनी बैरक में कुछ मोबाइल पकड़वाए थे। इससे उसके साथी बंदी योगेश, राहुल, चिंटू व शौकीन उससे नाराज चल रहे थे। गुरुवार को पेशी के दौरान एक ही बैरक में बंद करने पर उन्होंने हमला बोल दिया। कोतवाल ने बताया कि घायल बंदी का मेडिकल करा उसे वापस जेल भेज दिया गया।
मोबाइल से करवाते थे बात

गंगापुर सिटी के यह चारों बंदी अन्य बंदी से उनके परिजनों से बात करवाते थ। इसके बदले में यह मुंहमांगी कीमत मांगते थे। पैसे नहीं या कम देने पर यह बंदी से मारपीट करते थे। पीडि़त कैदियों ने कुछ दिन पहले ही इनके मोबाइल पकड़वाए थे, इससे नाराज होकर इन कैदियों ने दूसरे कैदी से मारपीट की।
बंदी रामकुमार से मारपीट करने वाले योगेश, राहुल, चिंटू, व शौकीन गंगापुर सिटी के रहने वाले हैं। इनके खिलाफ लूट व हत्या के कई मामले दर्ज हैं। इन दोनों को कुछ माह पूर्व ही सवाईमाधोपुर जेल से शिफ्ट किया गया है। मारपीट जेल परिसर में नहीं हुई है, इसलिए इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं है।
मुक्ति यद्युवंशी, जेलर, सेन्ट्रल जेल, अलवर
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