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अलवर लोकसभा उपचुनाव: इस बार सबसे अलग रहा उपचुनाव का माहौल, जानिए ऐसा क्या हुआ

इस बार अलवर लोकसभा उपचुनावों का माहौल पूरी तरह अलग था। इस बार कई नई चीजें देखने को मिली।

अलवरJan 29, 2018 / 10:34 pm

Rajiv Goyal

different story of alwar loksabha elections
अलवर. मतदान का जिक्र आते ही अनायास मस्तिष्क में एक चित्र उभरता है कि महिलाएं समूह मेें गीत गाते आई होंगी। मतदान केन्द्रों के बाहर मेले सा माहौल और ठहाकों की गूंज रही होगी। कुछ बुजुर्ग समीप ही हुक्का सुलगा रहे होंगे, तो युवा कैम्पेनिंग में लगे होंगे, लेकिन सोमवार को अलवर लोकसभा उपचुनाव के लिए हुए मतदान में ऐसा कुछ नहीं था। न मतदान के दौरान गाए जाने वाले लोकगीत थे और ना हंसी-ठट्टा। मतदान केन्द्र व उसके आस-पास सन्नाटा था। गांवों में लोग अपने खेत-खलिहानों में लगे थे। इस दौरान लोगों ने मतदान किया, लेकिन अपनी सुविधानुसार। कोई आया तो कोई नहीं आया। इसका नतीजा यह रहा कि लोकसभा उपचुनाव में इस बार पिछले लोकसभा चुनाव से भी कम मतदान हुआ। मतदान में लोगों की रुचि व उत्साह का आलम ये था कि सुबह 9 बजे तक कई बूथों पर तो बामुश्किल खाता खुला था। ततारपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बने एक बूथ पर केवल 32 मत पड़े। यहां कतार में केवल चार मतदाता लगे थे। वहीं, इसी विद्यालय में बने दूसरे बूथ पर केवल 24 लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया।
भाजपा प्रत्याशी के विधानसभा क्षेत्र में नहीं जमा रंग

भाजपा प्रत्याशी डॉ. जसवंत यादव के विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान को लेकर उत्साह अपेक्षाकृत कम रहा, जबकि यहां सबसे अधिक मतदान की उम्मीद जताई जा रही थी। बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र के बर्डोद में सुबह 10 बजे तक केवल 110 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। यहां राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में बने एक अन्य बूथ पर साढ़े दस बजे तक केवल 154 मतदाताओं ने वोट डाले। बहरोड़ के राउमा विद्यालय मेें बने मतदान केन्द्र पर भी दोपहर 11 बजे तक केवल केवल 218 वोट डले। यहां बने एक अन्य बूथ पर तो इस दौरान केवल 170 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। मतदान केन्द्र पर चुनाव को लेकर उत्साह जैसा कोई माहौल नहीं था। मतदाता एक-एक कर मतदान के लिए आ रहे थे। बूथ पर भी शांति व सन्नाटा पसरा हुआ था।
नीमराणा, मुण्डावर में भी शांति

मतदान के दौरान महिलाओं के समूह में गीत गाते आने और हंसी-ठहाकों से जिंदादिली के लिए पहचाने जाने वाले मुण्डावर में भी सोमवार को मतदान को लेकर ज्यादा उत्साह देखने को नहंी मिला। इसी विधानसभा क्षेत्र के नीमराणा में भी मतदाता अपनी सुविधानुसार मतदान के लिए निकले। नीमराणा के राउमावि में बने एक बूथ पर दोपहर 11.30 बजे तक केवल 179 वोट पड़े। मुण्डावर के चिरुनी राउमावि मतदान केन्द्र पर भी ग्रामीण अंचल होने के बावजूद 159 वोट डले। यहीं बने एक अन्य बूथ पर 195 मतदाताओं ने वोट डाले। मुण्डावर कस्बे के विद्यालय में बने बूथ पर भी शांति पसरी हुई थी। मतदानकर्मी बैठे-बैठे मतदाताओं का इंतजार कर रहे थे।
दोपहर बाद बढ़ी हलचल

ग्रामीण क्षेत्र में दोपहर बाद अवश्य मतदान को लेकर कुछ हलचल बढ़ी। हालांकि इस दौरान भी ऐसा कोई बूथ नजर नहीं आया, जिस पर मतदाताओं की लम्बी कतार लगी हो। इतना जरूर था कि इस दौरान महिला मतदाता घर से निकली और वोट डालने पहुंची। दोपहर करीब 1 बजे किशनगढ़बास के हरसौली के मतदान केन्द्रों पर महिलाएं समूह में वोट डालने पहुंची। हरसौली में जाट, सैनी, वाल्मीकि मतदाता अधिक होने के चलते यहां कुछ चुनावी रंगत लगी। यहां कई महिला मतदाता तो ऐसी थी जो पहली बार वोट डालने आई थी। खैरथल के राजकीय आदर्श बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय व हायर सैकण्डरी स्कूल में चुनावी रंग जमा हुआ था। यहां बूथों पर मतदाताओं की कतार थी। निर्धारित दूरी पर प्रत्याशियों के बूथ थे, जहां लोगों की भीड़भाड़ और चुनावी हलचल बनी हुई थी। यहां के आदर्श बालिका उमावि में बने एक बूथ पर दोपहर डेढ़ बजे तक 1225 में से 536 मतदान इसे साबित कर रहा था। गाडिय़ों में वोटरों को लेकर आएरामगढ़ व अलवर ग्रामीण क्षेत्र में भी मतदान को लेकर उत्साह कम था। रामगढ़ में तो दोनों पार्टियों को कार्यकर्ताओं को मतदान केन्द्र तक लाने के लिए गाडिय़ां लगानी पड़ी। राजकीय बालिका उमावि रामगढ़ में बने केन्द्र पर कार्यकर्ता मतदाताओं को गाडिय़ों में बिठा-बिठा कर बूथ तक ला रहे थे और मतदान के बाद उन्हें छोडऩे जा रहे थे। अलावड़ा में भी चुनाव को लेकर दोपहर बाद रौनक आई। इस दौरान गांव की महिलाएं व बुजुर्ग वोट डालने निकले।

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