अस्पतालों के इनडोर खाली पड़े थे। इनमें जो मरीज भर्ती थे, वे भी चिकित्सकों की हड़ताल के चलते डिस्चार्ज करा चले गए। बुधवार रात डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त होने के बाद गुरुवार सुबह सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों का ड्यूटी पर पहुंचना शुरू हो गया।
चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से अलवर के राजीव गांधी समान्य चिकित्सालय के हालात बेहद खराब हो गए थे। यहां कई गरीब मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा। अलवर में एक मरीज रामखिलाड़ी के पैर में संक्रमण होने के बाद उसका पैर काटना था, लेकिन चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से उसे असहनीय दर्द सहना पड़ा। हड़ताल के दौरान सामान्य चिकित्सालयों का माहौल सूना रहने लगा था, वहीं निजी चिकित्सालयों में भीड़-भाड़ रहने लगी। इसके साथ सामान्य चिकित्सालयों के बाहर चाय की दुकानों पर भी सूनापन रहने लगा था।