scriptराजस्थान के इस जिले में है ऐसा अनोखा पेड़ जो हर मौसम में रहता है सदाबहार, पेरिस से लाए थे महाराज | Evergreen Tree In Circuit House Alwar Black Tendu Maharaj Jaisingh Brought From Paris | Patrika News
अलवर

राजस्थान के इस जिले में है ऐसा अनोखा पेड़ जो हर मौसम में रहता है सदाबहार, पेरिस से लाए थे महाराज

पतझड़, सावन, वसंत, बहार, एक वर्ष के मौसम चार…। जब भी पतझड़ आता है, यह फिल्मी गाना जुबां पर आता है। गाने में बताया है कि एक साल में चार मौसम होते हैं। इसमें पतझड़ भी शामिल है, लेकिन यह बात अलवर में सही साबित नहीं हो रही। अलवर में एक पेड़ ऐसा भी है, जो हमेशा सदाबहार रहता है।

अलवरFeb 10, 2024 / 03:16 pm

Akshita Deora

ever_green_treww.jpg

पतझड़, सावन, वसंत, बहार, एक वर्ष के मौसम चार…। जब भी पतझड़ आता है, यह फिल्मी गाना जुबां पर आता है। गाने में बताया है कि एक साल में चार मौसम होते हैं। इसमें पतझड़ भी शामिल है, लेकिन यह बात अलवर में सही साबित नहीं हो रही। अलवर में एक पेड़ ऐसा भी है, जो हमेशा सदाबहार रहता है। इसमें कभी पतझड़ आता ही नहीं है। ये पेड़ अलवर शहर के सर्किट हाउस में लगा है और हरा भरा है। इसका नाम है काला तेंदू जो कई खूबियां लिए हुए है।

पेरिस से लाए थे महाराज जयसिंह
इतिहासकार हरिशंकर गोयल बताते हैं कि अलवर के महाराज जयसिंह वर्ष 1924 में पेरिस गए थे। वहां से लौटते समय यह दुर्लभ प्रजाति का पौधा साथ लेकर आए थे। इसके बाद इसे सर्किट हाउस में लगाया गया। इसका नाम उस समय किसी को पता नहीं था। न ही इसके फल की कोई जानकारी थी, लेकिन इसमें कभी पतझड़ आते हुए किसी ने नहीं देखा। तब से आज तक यह यहीं पर लगा हुआ है। बाद में इस पेड़ के नाम का बोर्ड काला तेंदू लगाया गया। अलवर में ऐसे पेड़ देखने को नहीं मिलते हैं। इसमें रीठा जैसे फल आते हैं।

यह भी पढ़ें

VIDEO: देर रात अचानक सामने आया पैंथर, ये 21 सेकंड का वीडियो वायरल होने बाद लोगों में भय का माहौल





https://www.dailymotion.com/embed/video/x8sh0ni

ये हैं खूबियां
बीकानेर की एमजीएस यूनिवर्सिटी के हैड वनस्पति शास्त्री डॉ. अनिल कुमार छगानी के अनुसार तेंदू का वनस्पतिक नाम डाइओस्पाइरस मालाबेरिका है। तेंदू ऐबेनेसी कुल का है और इसको अंग्रेजी में गौब परसीमन कहते हैं। अन्य पेड़ों की तरह इसमें पतझड़ नहीं आता है। कुछ पत्ते ही गिरते हैं, लेकिन इसके बाद ही नए आ जाते हैं। इसलिए हमेशा हरा-भरा दिखता है। भारत के विभिन्न प्रांतों में तेंदू को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। तेंदू पेड़ के फल, छाल, पत्ता और पेड़ से निकलने वाले गोंद का आयुर्वेदिक महत्व है। इसका फल चीकू की तरह होता है जो पहले खट्टा होता है और बाद में मीठा हो जाता है। तेंदू की पत्तियां मध्य भारत में सबसे महत्वपूर्ण एनटीएफपी प्रजातियों में से एक है।

Hindi News/ Alwar / राजस्थान के इस जिले में है ऐसा अनोखा पेड़ जो हर मौसम में रहता है सदाबहार, पेरिस से लाए थे महाराज

ट्रेंडिंग वीडियो