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अलवर गौ तस्करी मामला: पूर्व ए.एस पी ने दिया ये बड़ा बयान

अलवर गौ तस्करी मामले में पत्रिका टीम से खास बातचीत में पूर्व ए.एस.पी ने कही है खास बात

अलवरDec 08, 2017 / 11:06 am

Rajiv Goyal

ex additional sp talks about alwar gotaskari case
जनता कॉलोनी मूंगस्का में बुधवार रात पुलिस ने बेशक एक गोतस्कर को मुठभेड़ में मार गिराया, लेकिन अलवर में यह गोतस्करी की पहली घटना नहीं है। गोतस्कर लगातार तीन दिन से शहर पर धावा बोल रहे थे। सोमवार रात उन्होंने स्कीम दो जुबलीबास क्षेत्र में सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की गाड़ी को भी टक्कर मारी, गनीमत ये रही कि गोतस्करों के हमले में सेवानिवृत्त एडिशनल एसपी व उनके बेटे के ज्यादा चोटें नहीं आई, लेकिन उनकी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस मुठभेड़ में एक गोतस्कर की मौत के बाद पत्रिका ने पूरे प्रकरण पर सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इन्द्रकुमार शर्मा से भी बातचीत की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश-

सेवानिवृत्त एडिशनल एसपी से बातचीत

सवाल- पुलिस ने बुधवार रात मुठभेड़ में एक गोतस्कर को मार गिराया। इसे आप कैसा मानते हैं?


जवाब – पुलिस का काम सराहनीय है। गोतस्करों ने शहर में दहशत मचा रखी थी। यह पुलिस के लिए उनका खुला चैलेन्ज था, जिसे पुलिस ने स्वीकार कर अंजाम तक पहुंचाया।

सवाल- गोतस्करों ने आपकी गाड़ी को भी टक्कर मारी थी। तब क्या रहा?


जवाब- तीन दिन पहले हमारे घर के समीप भी गोतस्कर आए थे और गोवंश को भरकर ले जा रहे थे। मैनें और मेरे बेटे ने उनका पीछा किया, ताकि अपराधी उस गाड़ी को लेकर ओझल नहीं हो जाएं और समय-समय पर उनकी लोकेशन के बारे में कंट्रोल रूम को सूचना दी जा सके। जिसमें काफी हद तक हम सफल भी रहे, लेकिन अपराधियों ने यह भांप कर कि ये गाड़ी हमारा पीछा कर रही है। उन्होंने पथराव कर गाड़ी को टक्कर मारी। उस समय यदि त्वरित कार्रवाई हो जाती तो इस घटना के दौरान ही गोतस्कर पकड़े जाते और अपराध पर रोक लग जाती।

सवाल – क्या पुलिस ने तब गोतस्करों का पीछा नहीं किया?


जवाब- पुलिस गोतस्करों को पकडऩे के लिए नाकाबंदी की, लेकिन वे उन्हें पकडऩे में सफल नहीं हो पाए। खैर जो भी रहा, लेकिन पुलिस का यह काम सराहनीय रहा है।

सवाल- गोतस्करी की रोकथाम के लिए आपका कोई सुझाव?


जवाब- किसी भी अपराध की रोकथाम के लिए एडवांस क्रिमिनल इंटेलीजेंसी, प्रोपर नाकाबंदी व अपराध विशेष के प्रति पुलिस की गंभीरता होनी चाहिए। जिला पुलिस का विभिन्न जिलों एवं थानों की पुलिस से समन्वय से भी अपराधों पर अंकुश लगता है।
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