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अलवर

वैध की आड़ में अवैध खनन के लिए हरियाणा से अलवर आ रहा विस्फोटक

जिले में अवैध विस्फोटक सामग्री के कई गढ़ हैं। हरियाणा के सोना तावडू, बावल सहित भरतपुर के पहाड़ी आदि से अवैध विस्फोटक की सप्लाई होती है।

अलवरAug 20, 2017 / 07:40 pm

Rajiv Goyal

Explosives coming out from Haryana in alwar

Explosives coming out from Haryana in alwar

राजीव गोयल. अलवर.

जिले में बड़ी मात्रा में समीपवर्ती राज्य हरियाणा से विस्फोटक सामग्री लाई जा रही है। जिसका प्रयोग अवैध ब्लास्टिंग व अरावली की पहाडि़यों को खोखला करने में हो रहा है। गत सात माह में पुलिस ने अवैध ब्लास्टिंग के लिए अलवर लाई गई १८५९ जिलेटिन छड़ें, १३ हजार ८७५ मीटर फ्यूज वायर सहित अन्य विस्फोटक सामग्री पकड़ी है।
कई इलाके बने गढ़


जिले में अवैध विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति के कई इलाके गढ़ बने हुए हैं। यहां मुख्यत: हरियाणा के सोना तावडू, बावल सहित भरतपुर के पहाड़ी आदि से अवैध विस्फोटक की सप्लाई होती है। दरअसल, इन क्षेत्रों में भी विस्फोटक सामग्री की वैध-अवैध मैगजीन बनी हुई है। इनसे विस्फोटक सामग्री को कच्चे-पक्के रास्तों से होकर अवैध खननकर्ताओं तक पहुंचाया जाता है। नियमानुसार विस्फोटक सामग्री के संग्रहण पर प्रतिबंध है। लीज धारकों के लिए भी विस्फोटक सामग्री की लिमिट तय है।
एक जिलेटिन छड़ उड़ा सकती है मकान


जिले में अवैध रूप से आ रही विस्फोटक सामग्री काफी विध्वंसकारी है। एक जिलेटिन छड़ पूरा का पूरा मकान उड़ा सकती है। इसके बावजूद जिले के तिजारा, टपूकड़ा, बानसूर, नीमराणा, बहरोड़, रामगढ़, राजगढ़ सहित कई जगह इनका बड़े पैमाने पर अवैध खनन के लिए स्टॉक किया जाता है।
आखिर कहां से आ रहे विस्फोटक?


सरकार ने लीज धारकों को विस्फोटक सामग्री के विक्रय के लिए मैगजीन (गोदाम) बनाए हुए हैं। इनसे लीजधारकों को निर्धारित मात्रा में जिलेटिन छड़, गुल्ले सहित अन्य विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति होती है। अलवर की बात करें तो जिले में एेसे पांच गोदाम हैं। मैगजीन संचालकों की मानें तो उन्हें वैध लीज धारकों से विस्फोटक सामग्री का ऑनलाइन ऑर्डर मिलता है। इसके बाद एक्सपर्ट की टीम मौके पर पहुंच ब्लास्ट करती है।
वैध की आड़ में अवैध का खेल


जिले में लीज धारकों को आपूर्ति के नाम पर विस्फोटक सामग्री के अवैध बेचान से इनकार नहीं किया जा सकता। जानकारों की मानें तो जिले में वैध की आड़ में अवैध का खेल चल रहा है। पुलिस को गुमराह करने एवं अवैध को वैध बनाने के लिए खननकर्ता जिलेटिन छड़ों से नम्बर आदि को मिटा देते हैं। इससे चाहकर भी पुलिस इनका रिकॉर्ड नहीं खंगाल सकती।
थानों में पड़ा विस्फोटक


जिले के कई थानों में जब्त विस्फोटक सामग्री पड़ी हुई है। जिसका निस्तारण अब तक नहीं हुआ है। हालांकि पुलिस थानों में विस्फोटक सामग्री जमा होने से इनकार कर रही है। पुलिस के अनुसार विस्फोटक सामग्री पकड़े जाने के बाद उसे समीपवर्ती मैग्जीन में जमा कराया जाता है। उधर, मैगजीन संचालकों की मानें तो उनके यहां विस्फोटक सामग्री रखने की जगह सीमित होती है। कई बार वे जब्त सामग्री को रखने में असमर्थ होते हैं। इसके चलते यह सामग्री थानों में जमा रहती है।
ये है जब्त विस्फोटक की बानगी


वर्ष दर्ज मुकदमे जब्त अमोनियम नाइट्रेट फ्यूज वायर जिलेटिन छड़
२०१६ ७ ७५६६ किलो ४७५ मीटर ५
२०१७ ७ १२५० किलो १३८७५ मीटर १८५९

पुलिस ने कई बार बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री पकड़ी है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल अवैध खनन में होता है। पुलिस इस सामग्री को समीपवर्ती मैगजीन (गोदाम) में जमा कराती है।
लाल सिंह, थाना प्रभारी, बानसूर

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