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अलवर

लॉक डाउन और मौसम की मार से परेशान किसानों के लिए आई यह बड़ी खुशखबरी, जानकार खिलेंगे चेहरे

लॉक डाउन में किसानों के लिए खुशखबरी आई है। किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलने लगा है।

अलवरJun 02, 2020 / 02:49 pm

Lubhavan

Farmer Getting Actual Price Of Their Crop

लॉक डाउन और मौसम की मार से परेशान किसानों के लिए आई यह बड़ी खुशखबरी, जानकार खिलेंगे चेहरे

अलवर. अलवर जिले में समर्थन मूल्य पर खरीद में अच्छे भाव मिलने से किसानों को लाभ हुआ है। कोरोना संक्रमण के कारण सख्ती के चलते किसान हरियाणा जाकर भी अपना माल नहीं बेच पा रहे हैं। ऐसे में समर्थन मूल्य पर खरीद से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों को इससे पहले कृषि उपज मंडी में कृषि जिंस बेचते समय परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस बार अभी तक 10 हजार से अधिक किसान अपनी फसल को समर्थन मूल्य पर बेच चुके हैं जिसके आगामी दिनों मे ंऔर तेजी आने की संभावना है।
किसानों को लाभ-

राजगढ़ में कृषि उपज मण्डी यार्ड में राजफैड की ओर से खोले गए खरीद केन्द्र पर समर्थन मूल्य पर गेहूं, सरसों व चना की खरीददारी का कार्य चल रहा है। छह कांटे जिंसों की खरीददारी की जा रही है। 316 किसानों से करीब 7152 क्विटल सरसों, 80 किसानों से 1495 क्ंिवटल चना एवं 126 किसानों से करीब 6327 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष पूर्व प्रधान देवकरण मीना का कहना है कि सरकारी खरीद से किसानों को काफी आर्थिक लाभ हुआ है। इसके अलावा सरकारी खरीद केन्द्र पर नकद भुगतान नही होने की मजबूरी में कई किसानों ने बाजार में कृषि जिंसों को आर्थिक हानि होने के बावजूद व्रिकय किया है। किसान को इस समय नकद भुगतान की आवश्यकता है। भाकियू के तहसील अध्यक्ष पुखराज गुर्जर का कहना है कि सरकारी केन्द्र पर नकद भुगतान नही मिलने के कारण मजबूरी में कुछ किसान बाजार में अपनी कृषि जिंसों को बेच रहे हैं। सरकारी केन्द्र पर जिंस बेचने से किसान को अच्छा लाभ मिल रहा है।
लॉक डाउन में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को मिली राहत-

थानागाजी कस्बे के नारायणपुर रोड शिव बगीची के समीप क्रय विक्रय सहकारी समिति केंद्र पर सरकार के आदेशानुसार समर्थन मूल्य पर ब्लॉक के किसानों की सरसों गेहूं चने की फसलों की खरीद पिछली 1 मई से निरन्तर जारी रहने से इस लॉकडाउन में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को कुछ राहत मिली है।
ग्राम बामनवास चौगान से गौपाल शर्मा,किशोरी से बिशन सहाय,अंगारी से रामकिशन मीना सहित अनेकों किसानो ने बताया कि कस्बे में अनाज मण्डी या गेहूं व जौ की फसल का सरकारी खरीद केंद्र नही होने से लॉक डाउन में आर्थिक तंगी के चलते जौ को 1000 से 1200 रूपए एवं वही गेहूं को 1400 से 1500 रूपए क्विंटल के दामो में ही साहूकारों को बेचा जा रहा है।
क्रय विक्रय सहकारी समिति प्रबंधक महादेव प्रसाद शर्मा ने बताया कि सरकार के निर्देशों के तहत 1 मई से समिति पर किसानों की फसलों की खरीद शुरू हुई जिसमें ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के आधार पर 31 मई तक 192 किसानों ने कृषि जिंस बेचा है। राजफैड क्रय विक्रय समिति प्रबंधक महादेव प्रसाद शर्मा ने बताया कि किसानों को उनकी फसल का पैसा 5 से 7 दिनों में सीधा किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है जिससे किसानों को कोई परेशानी नहीं हो।
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