scriptसरिस्का में चमक रहा सोना…हर कोई देखने पहुंच रहा | Gold shining in Sariska...everyone is reaching to see | Patrika News
अलवर

सरिस्का में चमक रहा सोना…हर कोई देखने पहुंच रहा

अलवर. दुर्लभ पक्षी यूरेशियन गोल्डन ओरियल हजारों किलोमीटर की यात्रा करके सरिस्का पहुंच गए हैं। ये पक्षी यूरोपियन देशों से आए हैं। ये यहां अपनी प्रजाति के पक्षियों से मेल-मुलाकात करते हैं। अच्छा जीवन बिताने के बाद अक्तूबर में अपने देश चले जाते हैं। इनके आने की खबर पाकर अपने देश के हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले इंडियन गोल्डन ओरियल भी सरिस्का पहुंचने लगे हैं।

अलवरJun 07, 2023 / 11:34 am

susheel kumar

सरिस्का में चमक रहा सोना...हर कोई देखने पहुंच रहा

सरिस्का में चमक रहा सोना…हर कोई देखने पहुंच रहा

सरिस्का में धूप पड़ते ही सोने जैसी चमक बिखेर रहा यूरेशियन गोल्डन ओरियल
– ये दुर्लभ पक्षी, इंडियन गोल्डन ओरियल से मिलने के लिए हजारों किमी की यात्रा करके यहां पहुंचे
– इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर ने भी सरिस्का में डेरा जमाया, प्रवाक्षी पक्षियों की खूब करते है आवभगत
– पर्यटकों को आकर्षित कर रहे ये पक्षी, यूरेशियन गोल्डन ओरियल कभी कभार ही यहां परिवार से मिलने आते
अलवर. दुर्लभ पक्षी यूरेशियन गोल्डन ओरियल हजारों किलोमीटर की यात्रा करके सरिस्का पहुंच गए हैं। ये पक्षी यूरोपियन देशों से आए हैं। ये यहां अपनी प्रजाति के पक्षियों से मेल-मुलाकात करते हैं। अच्छा जीवन बिताने के बाद अक्तूबर में अपने देश चले जाते हैं। इनके आने की खबर पाकर अपने देश के हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले इंडियन गोल्डन ओरियल भी सरिस्का पहुंचने लगे हैं। इनके लिए यूरोपियन पक्षी एक मेहमान की तरह हैं, जिनकी अच्छी आवभगत की जाती है। गर्मियों के मौसम में खूब आनंद उठाने के बाद सर्दियों से पहले ये अपने-अपने क्षेत्रों में चले जाते हैं। इसके अलावा इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर पक्षी भी सरिस्का में पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। इन पक्षियों की आवाज कानों को मधुर धुन दे रही है।
धूप पड़ते ही सोने की तरह चमकता है ये पक्षी
यूरेशियन गोल्डन ओरियल भारत में अपनी जैसी प्रजाति इंडियन गोल्डन ओरियल से मिलने आते हैं। यूरेशियन गोल्डन ओरियल पूरे पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी यूरोप में फैले हुए हैं। वहीं इंडियन गोल्डन ओरियल पक्षी भारत के उपमहाद्विपों में पाया जाता है। गोल्डन ओरियल पक्षी काफी सुंदर है। इसके ऊपर जैसे ही धूप पड़ती है तो यह चमकता है। इसकी आंखों की पट्टी छोटी होती है। रंग ज्यादा गहरा पीला होता है। शरीर पर धारियां भी होती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में यह दक्षिण भारत की ओर प्रवास करता है। पतझड़, गर्मी में सदाबहार जंगलों की ओर रुख करता है। कीड़े व जामुन इसकी पहली पसंद हैं। इसे बड़े चाव से खाता है। इस पक्षी की लंबाई करीब 24 सेमी तक होती है। वजन 56 से लकर 79 ग्राम तक होता है। ये जंगल का सबसे सुंदर पक्षी माना जाता है। ये कटोरे के आकार की संरचना में बुनी हुई घासों के साथ एक सुंदर घोंसला बनाता है। मादा और नर दोनों पक्षी चूजों का पालन-पोषण करते हैं।

म्यांमार, कर्नाटक, केरल से पहुंचे इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर

इसी तरह सरिस्का में इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर भी पर्यटकों को भा रहा है। यह पक्षी म्यांमार, केरल, कर्नाटक आदि क्षेत्रों से चलकर यहां पहुंचा है। ये पक्षी गोरैया के आकार है। इसकी संख्या में तेजी से कम हो रही है। इसकी लंबी पूंछ होती है जो सफेद रंग लिए हुए है। काली चोंच होती है। सिर पर काला मुकुट होता है। आंखें नीली चक्राकार होती हैं। यह भी कीड़े आदि खाकर पेट भरते हैं। यह 7.5 से 8.7 इंच लंबे होते हैं। सरिस्का के एक गाइड कहते हैं कि इस बार मौसम ने साथ दिया इसलिए ये पक्षी जल्दी आ गए। यूरेशियन पक्षी कभी कभार ही यहां आते हैं। इस बार आवक अच्छी हुई है। यह पर्यटकों को आनंदित कर रहे हैं। इनके वीडियो बनाए जा रहे हैं।

यूरेशियन गोल्डन ओरियल व इंडियन गोल्डन ओरियल बहुत सुंदर पक्षी है। इनकी कई खूबियां हैं। इस समय सरिस्का में यह पर्यटकों को काफी भा रहा है। इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर पक्षी भी यहां पहुंच रहे हैं।
– आरएन मीणा, मुख्य वन संरक्षक अलवर

Home / Alwar / सरिस्का में चमक रहा सोना…हर कोई देखने पहुंच रहा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो