कृषि उपज मंडी को नवंबर 2022 में सब मंडी यार्ड से मुख्य मंडी का दर्जा दिया गया था। चार माह बाद भी मंडी समिति में मूलभूत सुविधा नहीं है। अपनी फसल लेकर आने वाले किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसान और व्यापारियों का कहना है कि किसान अपनी फसल को लेकर 10 बजे आ जाते हैं। मंडी में आने वाली फसल का अलग-अलग समय में नीलामी के माध्यम से पहचान व बेचान किया जाता है। मंडी परिसर में मूलभूत सुविधाओं, व्यवस्था के नहीं होने के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
नहीं मिला स्थाई कर्मचारी कृषि उपज मंडी समिति संविदा पर लगे गार्ड और कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे चल रही है। चार माह बाद भी कृषि उपज मंडी को स्थाई कर्मचारी नहीं मिले। हालांकि कृषि उपज मंडी बड़ौदामेव की सचिव को गोविंदगढ़ का अतिरिक्त कार्यभार दिया हुआ है, वही सब यार्ड लक्ष्मणगढ़ के लिपिक सुवालाल को नीलामी लिपिक का अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है, जो कि कभीकभार ही मंडी परिसर में उपस्थित हो पाते हैं।
सड़क भी टूटी :
कृषि उपज मंडी समिति की सड़क की भी खस्ता हालत है। सड़क जगह से जर्जर है। बरसात आने पर किसानों की फसल खराब हो जाती है। व्यापारियों ने मांग कि है की मंडी समिति में अंदर की सड़क का निर्माण किया जाए।
स्टाफ की कमी
कार्यवाहक सचिव, कृषि उपज मंडी गोविंदगढ़ पूरन चंद के अनुसार गार्डों से बोली करवा रहे हैं। हमारे पास स्टाफ की कमी है। ऊपर स्टाफ है या नहीं, इसकी कोई जानकारी मुझे नहीं है।