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उच्च शिक्षा मंत्री ने इस जिले के महाविद्यालयों को दी थी ये खास सौगात, लेकिन महाविद्यालय नही ले रहे कोई रुचि

locationअलवरPublished: Jan 02, 2018 07:07:32 am

Submitted by:

Dharmendra Adlakha

उच्च शिक्षा मंत्री ने इस जिले के महाविद्यालयों के लिए की थी ऐसी घोषणा जो राजस्थान में पहली बार शुरू होने जा रही थी, लेकिन महाविद्यालय नही ले रहे रुचि

higher education minister announced bio metric attendance in colleges
राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी के अलवर जिले के सरकारी महाविद्यालयों में 1 जनवरी से बायोमेट्रिक पद्धति से विद्यार्थियों की उपस्थिति और ड्रेस के आदेश ढाक के तीन पात साबित हुए हैं। अलवर जिले के 11 सरकारी महाविद्यालयों में इन आदेशों की क्रियान्विति के लिए कोई तैयारी तक प्रारम्भ नहीं हुई है।
एक जनवरी को अलवर जिले के सरकारी कॉलेजों में पहले की तरह ही विद्यार्थी आए लेकिन वे कोई निर्धारित वेशभूषा में नहीं थे। कॉलेज में बायोमेट्रिक पद्धति से उपस्थिति की भी शुरुआत नहीं हुई।
एक पखवाड़े पहले ही अलवर के प्रताप ऑडिटोरियम में हुए गुरु शिष्य संवाद कार्यक्रम में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कॉलेज शिक्षा निदेशालय के आला अफसरों की जमावड़े के बीच यह एेलान किया कि अलवर जिले में एक जनवरी से नव वर्ष के साथ सभी सरकारी कॉलेजों में विद्यार्थियों का एक ड्रेस कोड होगा और विद्यार्थियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक पद्धति से होगी। इस घोषणा के बाद राज्य की शिक्षा मंत्री ने सभी सरकारी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को उनके अपने स्तर पर ड्रेस कोड निर्धारित करने के निर्देश दिए थे जबकि बायोमेट्रिक मशीन कॉलेज आयुक्तालय से आनी थी।
विद्यार्थियों में उत्सुकता और भय

अलवर जिले के सरकारी कॉलेजों में एक जनवरी से बायोमेट्रिक पद्धति से उपस्थिति होने को लेकर अधिक उत्सुकता और भय था। जिले के सरकारी कॉलेजों में प्रतिदिन 25 प्रतिशत विद्यार्थी भी नहीं आते हैं। एेसे में कॉलेज नहीं आने वाले विद्यार्थियों को बायोमेट्रिक पद्धति होने से उनकी उपस्थिति अनिवार्य होने का डर है। इन दिनों कॉलेज में आए बिना ही विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति पूरी कर दी जाती है। विद्यार्थियों का कहना है कि उनका ध्यान प्रतियोगी परीक्षाओं की तरफ अधिक है, इसके कारण वे कॉलेज में नियमित रूप से बहुत कम जाते हैं। राजकीय विघि
नहीं हुई कोई तैयारी

सभी सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों का कहना है कि कॉलेजों में ड्रेस कोड और विद्यार्थियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक पद्धति से करने की कोई तैयारी नहीं हुई है। इसको लागू करने में कई व्यवहारिक कठिनाइयां है जिनका पहले निदान नहीं किया गया।
विद्यार्थी भी तैयार नहीं

अलवर जिले के 11 सरकारी महाविद्यालयों में कॉलेज प्रबंधन ने ड्रेस कोड और बायोमेट्रिक पद्धति की कोई तैयारी नहीं की हैं वहीं विद्यार्थी भी इसके लिए तैयार नहीं है। राजकीय गौरी देवी महिला महाविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्षा लता भोजवानी का कहना है कि बायोमेट्रिक पद्धति कोई अनिवार्य नहीं होनी चाहिए जबकि यदि पढ़ाई अच्छी होती है तो विद्यार्थी क्लास अटेंड करते हैं। इसी प्रकार कला महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष हकमुदीन के अनुसार देश के भविष्य कहलाए जाने वाले युवा को महाविद्यालयों में भी किसी औपचारिकता यानि ड्रेस कोड में नहीं बांधना चाहिए। राजर्षि महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित चौधरी के अनुसार कॉलेज में बायोमेट्रिक पद्धति से उपस्थिति की कोई तैयारी नहीं हुई है।
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