इस समय गाजूकी पुलिया के नीचे शहर की तरफ के हिस्से में बड़ी जमीन पर चारदीवारी का कार्य चल रहा है। दीवार लगाने के साथ नदी के पेटे में बाहर से मिट्टी लाकर भरी जा रही है। अब्दुल रहमान बनाम सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के साफ आदेश हैं कि नदी, नाले, बावड़ी व अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों के मूल स्वरूप से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। यहां तो पुलिया की लम्बाई और पुराने बहाव क्षेत्र से जमीन का स्वरूप ही बता रहा है कि नदी का बहाव क्षेत्र कितना है। फिर भी दोनों तरफ ऊंची-ऊंची दीवारें खड़ी कर दी गई। अब मिट्टी डाली जा रही है।
बकायदा बोरवेल भी बना दिया नदी के पेटे में दीवार देकर मिट्टी डाली। बकायदा बिना मंजूरी के बोरवेल खोद दिया, जबकि गाजूकी नदी में सरकारी बोरवेल से शहर में पानी सप्लाई हो रहा है। पुलिया के नीचे की तरफ जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए। पूरी तरह से मनमर्जी हो रही है।
ग्रामीणों ने शिकायत भी की इस निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने शिकायत भी की है। पक्का निर्माण होने के कारण आगे के खेतों में जाने वाले रास्ते बंद हो गए। पहले ग्रामीण पुलिया के नीचे से दूसरे खेतों में निकलते थे। वे रास्ते भी बन्द होने से दिक्कतें खड़ी हो गई हैं।
जब पानी आए तो मुश्किलें सबको जिस दिन तेज बारिश होगी तब सबके सामने मुश्किलें होंगी। प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल जाएंगे। जब बारिश का पानी आगे नहीं निकलेगा और आसपास बसे घर डूबेंगे। उस समय बिना किसी विलम्ब के प्रशासन को यही निर्माण सबसे पहले तोडऩे पड़ेंगे।
अतिक्रमण चिह्नित कर लिया जिस जमीन पर चारदीवारी कर मिट्टी डालने का कार्य हो रहा है। उस जगह की पैमाइश करा ली है। अतिक्रमण भी मिला है। जो चिह्नित कर लिया है। संभवतया जल्दी कार्रवाई भी होगी। नदी का बहाव क्षेत्र रुकने नहीं दिया जाएगा।
-घमण्डीराम, नायब तहसीलदार, बहादरपुर