मुनाफे के फेर में भूजल का कर रहे दोहन जिले में संचालित तमाम उद्योगों व आरओ प्लांट की तरफ से भूजल दोहन की अनुमति नहीं ली गई है। केंद्रीय भूजल विभाग ने अवैध भूजल दोहन को लेकर स्पष्ट आदेश दिया है कि बिना अनुमति भूजल दोहन करते पाए जाने पर संबंधित उद्योगों व आरओ प्लांट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद भी जिले में अवैध रूप से भूजल दोहन किया जा रहा है। जिले में सैकड़ों की संख्या में अवैध रूप से वाटर आरओ प्लांट संचालित हैं, जहां प्रतिदिन हजारों लीटर भूजल का दोहन किया जाता है। शहरी क्षेत्र काला कुआं, शिवाजी पार्क, एनईबी, 60 फीट रोड, नयाबास, कर्मचारी कॉलोनी, लादिया व पुराने मोहल्लों में अवैध रूप से वॉटर आरओ प्लांट संचालित हैं। इसके बावजूद ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इनकी जांच के प्रयास ही नहीं किए गए।
प्लांट के लिए क्या है जरूरी आरओ प्लांट की फर्म का सेल्स टैक्स देना पड़ता है। श्रम विभाग में प्लांट में काम करने वाले कर्मियों का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। आरओ प्लांट के पानी की हर माह जांच रिपोर्ट भेजनी पडती है। आरओ प्लांट चलाने के लिए कामर्शियल विद्युत कनेक्शन होना चाहिए।
पत्रिका को दें सूचना यदि आपके क्षेत्र में पानी सम्बन्धित समस्या है, तो उसकी सूचना पत्रिका कार्यालय में लिखित में भिजवा सकते हैं। या फिर पेयजल समस्या सम्बन्धी फोटो व संक्षिप्त जानकारी वाट्सएप नम्बर 9461231417 पर भी भेज सकते हैं। आप की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।