7 मार्च: खंडीय अधिकारी एम.पी. यादव ने जांच बदलने का निर्णय लिया। उन्होंने 7 मार्च को आदेश जारी कर अपेक्स बैंक के पूर्व एमडी विद्याधर गोदारा के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दी। जांच मिलने पर उन्होंने टीम के सदस्यों से सम्पर्क किया, लेकिन कोई जांच के लिए अलवर जाने को तैयार नहीं हुआ। यह भी चर्चा है कि वे जांच के साथ उच्चाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना चाहते थे। उनके इस रुख से विभाग में खलबली मची हुई थी। विभाग के कई आला अधिकारी अलवर सीसीबी के एमडी रह चुके हैं। ऐेसे में जांच शुरू होने से पहले ही गोदारा से जांच छीन ली गई।
22 मार्च: दो दिन पहले ही 22 मार्च को रजिस्ट्रार नीरज के. पवन ने आदेश में जांच के लिए तीसरी कमेटी गठित कर दी। अब जांच संयुक्त रजिस्ट्रार रणजीत सिंह चूंडावत को दी गई है। चूंडावत के पास अभी सहकारी प्रेस के एमडी का जिम्मा है। जांच टीम में अध्यक्ष को छोडकऱ अन्य सभी वे ही हैं जो पहली व दूसरी जांच टीम में थे।