जबकि सच्चाई ये है कि पीडि़ता के बयान के लिए पुलिस ने सोमवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष फाइल लगाई है। पुलिस अधिकारियों के बुलावे पर सोमवार को भी पीडि़ता न्याय की उम्मीद में सीओ कार्यालय पहुंची। यहां कार्यालय के कर्मचारियों ने पहले तो उसे अधिकारी के व्यस्त होने की कहकर टरका दिया।
लेकिन जब पीडि़ता कर्मचारियों के सामने ही फफक-फफककर रोने लगी और बार-बार बयान कराए जाने की गुहार लगाने लगी, तब जाकर कर्मचारियों ने अधिकारी से बात कर उसे मंगलवार की तारीख दी। इसके बाद पीडि़ता मजिस्ट्रेट से भी मिली।
यहां उसे पता चला कि पुलिस ने अब तक उसके 164 के बयान की मजिस्ट्रेट के समक्ष फाइल लगाई ही नहीं थी। पीडि़ता को यहां पता चला कि पुलिस ने बयान के लिए सोमवार को ही फाइल लगाई है।
यह था मामला
खैरथल निवासी एक विवाहिता 12 जुलाई को अपने देवर के साथ अपने निर्माणधीन मकान को देखने गई। इसी दौरान दो युवक उनके पास आकर खड़े हो गए। कुछ देर बाद 7-8 और युवक वहां आ गए और विवाहिता व उसके देवर को घेर लिया। युवकों ने विवाहिता को पकड़ उससे गंदी हरकतें व देवर से मारपीट शुरू कर दी। युवकों ने विवाहिता के कपड़े फाड़ दिए और उनमें से दो युवकों ने उससे जबरन दुष्कर्म किया।
खैरथल निवासी एक विवाहिता 12 जुलाई को अपने देवर के साथ अपने निर्माणधीन मकान को देखने गई। इसी दौरान दो युवक उनके पास आकर खड़े हो गए। कुछ देर बाद 7-8 और युवक वहां आ गए और विवाहिता व उसके देवर को घेर लिया। युवकों ने विवाहिता को पकड़ उससे गंदी हरकतें व देवर से मारपीट शुरू कर दी। युवकों ने विवाहिता के कपड़े फाड़ दिए और उनमें से दो युवकों ने उससे जबरन दुष्कर्म किया।
मामले में आरोपितों को पकडऩे के प्रयास जारी है। पीडि़ता के 164 के बयान मंगलवार को होंगे। दरअसल, 13 को पुलिस ने पीडि़ता के बयान लिए थे। इसके बाद दो दिन की छुट्टी पड़ गई। इसलिए सोमवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान की फाइल पेश की गई। बयान के लिए मजिस्ट्रेट ने मंगलवार की तारीख दी है।
नेमीचंद, जांच अधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक किशनगढ़बास