दोनों ही दलों में पैनल को नहीं मिल सका अंतिम रूप कांग्रेस व भाजपा के लिए सबसे बड़ी समस्या दावेदारों के पैनल को अंतिम रूप देना है। गत डेढ़ महीने की मैराथन मशक्कत के बाद भी अब तक दोनों ही दल प्रत्याशी चयन को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं। दोनों ही प्रमुख दलों के चुनाव रणनीतिकार अभी मजबूत दावेदारों की तलाश में जुटे हैं। संभावना है कि कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशियों की सूचियां दीपावली बाद जारी हो सके।
नहीं बन पा रहा चुनावी माहौल प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से अब तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पाने से जिले में चुनावी माहौल परवान नहीं चढ़ पाया है। गांव व शहरों में कुछ ही स्थानों पर चुनावी चर्चा सुनाई पड़ती है, वहां भी केवल प्रत्याशी को लेकर बातचीत दिखाई पड़ती है। गांवों की चौपाल भी अभी चुनावी चर्चा का इंतजार है। मतदाताओं की बात दूर खुद राजनीतिक दलों में भी चुनावी माहौल अभी ठंडा दिखाई पड़ता है। कार्यकर्ता भी प्रत्याशी के अभाव में भ्रम में हैं। यही कारण है कि जिले में प्रमुख राजनीतिक दलों का प्रचार अभियान भी अभी पार्टी कार्यालयों व बड़े नेताओं के घरों से बाहर नहीं निकल पाया है।
दावेदारों को टिकट की चिंता सताई कांग्रेस व भाजपा टिकट के दावेदारों को इन दिनों टिकट की चिंता सताने लगी है। इन दिनों कांग्रेस व भाजपा के पैनल पर मशक्कत हो रही है। इस कारण दावेदारों ने फिलहाल सम्पूर्ण ध्यान टिकट पर लगा रखा है। यही कारण है चुनाव मैदान में कम ही दावेदार नजर आ रहे हैं। कुछ दावेदार जो कि टिकट को लेकर आश्वस्त हैं, वे ही चुनावी क्षेत्र में दिख पा रहे हैं।
मतदान को लेकर मतदाताओं ने साधा मौन मतदान में भले ही करीब 35 दिन बचे हों, लेकिन जिले के विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता अभी मतदान को लेकर मौन साधे हैं। आम मतदाताओं की विधानसभा चुनाव में दिलचस्पी भी दिखाई नहीं पड़ पा रही है। कुछ मतदाताओं में उत्सुकता है तो वह भी प्रत्याशी चयन को लेकर है।