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अलवर में देखिए एक म्यान में दो तलवार, संग्रहालय ने बांची सभ्यता, कला और विकास की गाथा

अलवर में देखिए एक म्यान में दो तलवार, संग्रहालय ने बांची सभ्यता, कला और विकास की गाथा

अलवरMay 19, 2019 / 05:57 pm

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अलवर में देखिए एक म्यान में दो तलवार, संग्रहालय ने बांची सभ्यता, कला और विकास की गाथा

अलवर. म्यूजियम डे के मौके पर शनिवार को बड़ी संख्या में लोगों ने म्यूजियम में प्रदर्शित ऐतिहासिक विरासत को देखा और जानकारी ली। निशुल्क व्यवस्था होने के कारण सुबह से ही यहां पर लोगों का आना शुरु हो गया।
स्कूलों के बच्चे भी यहां पर बड़ी संख्या में आए हुए थे। म्यूजियम मेें प्रदर्शित चांदी की मेज, महाराजा जयसिंह की साइकिल, मोती रीछ, शेर के अलावा राजा महाराजाओं के वस्त्र, अस्त्र शस्त्र देखकर बच्चे बहुत खुश हुए। बच्चों में सबसे ज्यादा उत्साह पशु पक्षियों को लेकर था। अलवर जिले से ही नहीं बल्कि बाहर से भी लोग यहां पर म्यूजियम देखने के लिए आए। संग्रहालयाध्यक्ष प्रतिभा यादव ने बताया कि म्यूजियम में नया काम करवाया गया है जिससे इसका आकर्षण बढ़ गया है। यहां पर सुरक्षा के लिए फायर सेफ्टी सिस्टम लगाया गया है। सभी प्रदर्शित सामानों पर स्क्रिप्ट लिखी हुई जिससे जानकारी करना आसान हो जाता है। हर साल बड़ी संख्या में यहां पर पर्यटक आ रहे हैं। बच्चों ने यहां रखी बंदूकें, तलवारें, भाले, मोहम्मद गोरी का जिरह बख्तर, जमीन से वार करने वाली तोप, तीर, धनुष आदि की उत्सुकता से जानकारी ली। इसके साथ ही द्वितीय कक्ष में प्रदर्शित राजा महाराजाओं की तस्वीरें, यहां प्रदर्शित पेंटिंग्स भी बहुत पसंद आई। दशहरे की सवारी का सबसे लंबा चित्र यहां प्रदर्शित है जो सबको आकर्षित कर रहा था। म्यूजियम में प्रदर्शित बाबरनामा, अकबरनामा व कुरान शरीफ को भी दर्शकों ने देखा और जानकारी ली।
चुनावी गहमागहमी में बुझी रात्रि चौपाल की चिमनी
अलवर. जिले में एक के बाद एक चुनाव होने के कारण जिला कलक्टर व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की रात्रि चौपाल व जनसुनवाई पर ब्रेक लग गया है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से लंबे समय से गांवों में जिला कलक्टर व अन्य अधिकारियों की रात्रि चौपाल का आयोजन नहीं हो पाया है। ग्रामीणों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए राज्य सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की गांवों में रात्रि चौपाल एवं कार्यालयों में जन सुनवाई की व्यवस्था की है। गांवों में रात्रि चौपाल में जिला कलक्टर या अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सहित पुलिस व अन्य सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी का लाभ यह हुआ कि ग्रामीणों की समस्याएं न केवल आला अधिकारी तक पहुंची, बल्कि उनका समय पर निस्तारण भी हुआ। रात्रि चौपाल में ज्यादातर पुलिस, पानी, बिजली, रास्तों का विवाद आदि अनेक समस्याओं का निराकरण संभव हो सका।
कई महीनों से
नहीं लगी
जिले में पहले विधानसभा चुनाव, फिर रामगढ़ में विधानसभा उपचुनाव और अब लोकसभा चुनाव के चलते ज्यादातर समय आचार संहिता प्रभावी रही है। लगभग छह माह से जिले में चुनावी सीजन होने से गांवों में रात्रि चौपाल व कार्यालयों में जनसुनवाई का आयोजन नहीं हो पाया। इससे गांवों की ज्यादातर समस्याएं प्रशासन व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाई। जिससे उन पर प्रभावी कार्रवाई भी नहीं हो सकी।
जनसुनवाई में दिखा असर
पहले ही सामने आ जाते प्रकरण
चुनाव के चलते यदि गांवों में जिला कलक्टर व अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की रात्रि चौपाल व जनसुनवाई पर ब्रेक नहीं लगता तो इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में उजागर हो रहे बलात्कार, हत्या, अपहरण जैसे पुराने मामलों में पहले ही कार्रवाई संभव हो जाती और अचानक इतनी बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने नहीं आते। उल्लेखनीय है कि थानागाजी गैंगरेप का मामला उजागर होने के बाद जिले भर में बलात्कार, अपहरण, हत्या जैसे पुराने मामलों में अब तक कार्रवाई नहीं होने की बात सामने आई है।

 

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