विशिष्ट लोक अभियोजक अशोक कुमार भारद्वाज ने बताया कि अलवर निवासी बबीता शर्मा जनवरी-2006 में किशनगढ़बास तहसील के बासकृपाल नगर में पटवारी के पद पर थी। परिवादी शिवकुमार सैनी के पिता की मृत्यु हो जाने पर जमीन का इंतकाल वारिसान के नाम चढ़ाने की एवज में तत्कालीन बबीता ने 500 रुपए की रिश्वत मांगी। जिसकी शिकायत शिवकुमार ने एसीबी अलवर को दी। शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने 10 जनवरी को 2006 को पटवारी बबीता के किशनगढ़बास स्थित किराए के मकान में ट्रेप की कार्रवाई की। एसीबी ने रिश्वत की राशि कमरे में रखी टेबल से बरामद कर महिला पटवारी को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अनिधियम के तहत मामला दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया था। प्रकरण में न्यायालय ने प्रस्तुत साक्ष्यों को प्रमाणित मानते हुए तत्कालीन बासकृपाल नगर पटवारी को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई है।
महिला कांस्टेबल पर कार्रवाई के आदेश प्रकरण में ट्रेप कार्रवाई के दौरान साथ रही महिला कांस्टेबल रंजना भार्गव की ओर से अभियोजन की ताईद नहीं की। जिस पर न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को महिला कांस्टेबल के खिलाफ उचित कार्यवाही कर न्यायालय को अवगत कराने आदेश भी दिए हैं। उल्लेखनीय है कि कांस्टेबल रंजना भार्गव ने अभियुक्त बबीता से हितबद्ध होकर किसी प्रलोभनवश या दबाव पर अपने बयानों में ट्रेप कार्रवाई के दौरान साथ में होना तो स्वीकार किया, लेकिन अन्य बातों से इनकार कर दिया था।