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अलवर

मालाखेड़ा में फायरिंग व हत्या के बाद पसरा सन्नाटा और मृतकों के घर कोहराम, गांव में चारों ओर पुलिस ही पुलिस, कुछ ऐसा है माहौल

अलवर जिले के मालाखेड़ा में तीन जनों की हत्या के बाद भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

अलवरMar 11, 2019 / 03:50 pm

Hiren Joshi

Malakhera Muder Case : Police In Village After Murder Of Three People

मालाखेड़ा में फायरिंग व हत्या के बाद पसरा सन्नाटा और मृतकों के घर कोहराम, गांव में चारों ओर पुलिस ही पुलिस, कुछ ऐसा है माहौल

अलवर. जमीनी रंजिश में तीन लोगों की हत्या के बाद केरवावाल गांव की हरला की ढाणी में सन्नाटा छा गया। मृतकों के घरों में कोहराम मचा हुआ था। महिलाओं और बच्चों के विलाप की चीख दूर तक कानों को चीर रही थी। महिलाएं पछाड़ खा रही थी, जिन्हें रोते-बिलखते परिजन संभाल रहे थे। चारों तरफ पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी। पीडि़त पक्ष ही पुलिस प्रशासन को घटनाक्रम की जानकारी दे रहा था। घटनास्थल पर खड़े होकर पुलिस की कार्रवाई को ग्रामीण तमाशबीन होकर देख तो रहे थे, लेकिन कोई भी ग्रामीण ये नहीं कह रहा था कि ‘मैं घटना का चश्मदीद हूं’।
घर में सिर्फ वृद्धा को छोड़ गए आरोपी

आरोपियों ने वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी अपने परिवार की महिलाओं और बच्चों तक को गाड़ी में बैठाकर फरार हो गए। हड़बड़ाहट में आरोपी घर पर अपनी बुजुर्ग मां को छोड़ गए। जिसे बाद में पुलिस अपने साथ ले गई। वृद्धा को पुलिस निगरानी में रखा हुआ है।
Malakhera Muder Case : Police In Village After <a  href=
murder Of Three People” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/03/11/2_6_4262937-m.jpg”>कुश्ती दंगल से पहले खूनी दंगल

गांव में सोमवार को कुश्ती दंगल होना था, लेकिन इससे एक दिन पहले गांव में एक ही कुटुम्ब के दो पक्षों के बीच खूनी दंगल हो गया। गांव के मंदिर के महंत सेवाराम ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग मंदिर में रामायण पाठ का कार्यक्रम चल रहा था। सोमवार को भंडारा और कुश्ती दंगल होना था। घटना के दौरान गांव के गांव के ज्यादातर लोग मंदिर के कार्यक्रम में ही थे।
पंचायत में हो गया था समझौता

आरोपी पक्ष देवीराम व गीलाराम और मृतक पक्ष मूलचंद व रूपराम पक्ष के बीच पुश्तैनी जमीन के बंटवारे का विवाद बरसों से चल रहा था। विवाद के निपटारे को लेकर कई बार गांव में पंचायत भी हुई। करीब डेढ़-दो माह पहले फिर पंचायत हुई। जिसमें पंच-पटेलों के बीच दोनों पक्षों में जमीन को लेकर लिखित समझौता हो गया था, लेकिन इसके बाद भी देवीराम और गीलाराम पक्ष ने वारदात को अंजाम दे डाला।
Malakhera Muder Case : Police In Village After Murder Of Three People
चश्मदीद रामवीर की जुबानी

घटना के दौरान मृतक रूपराम यादव का पुत्र रामवीर भी वहीं था। रामवीर ने बताया कि देवीराम व गीलाराम सहित काफी लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली में छिपकर बैठे थे। उसका परिवार सरसों की कटाई कर खाना खाने घर जा रहा था। रास्ते में अचानक देवीराम और गीलाराम आदि ने उनके ऊपर बंदूकों से फायरिंग कर दी। उन्होंने लगातार 15-20 गोली चलाई। जिससे भगदड़ मच गई। भागकर हमने जान बचाई। गोली लगने से पापा रूपराम, ताऊ मूलचंद व सुखराम और मामा छोटेलाल वहीं गिर गए। इसके बाद आरोपी भाग गए।
सुखराम बोला, ताबड़तोड़ फायरिंग की

घटना का चश्मदीद घायल सुखराम ने बताया कि दोपहर करीब सवा 12 बजे बाद उनके परिवार के तीन पुरुष व पांच महिलाएं सरसों के खेत में कटाई कर वापस घर लौट रहे थे। खेत से थोड़ी दूर ही आए थे कि ट्रैक्टर में 10 से 15 लोग आए। जिनमें पुरुष व महिलाएं भी थी। आते ही फायरिंग शुरू कर दी। मैं उस समय दूसरे खेत में था। जैसे ही मुझे लगा झगड़ा हो रहा है। मैं दौड़ा। वहां पहुंचते ही मुझ पर भी फायरिंग कर दी। करीब 15 मिनट तक तीनों व्यक्तियों पर फायर पर फायर करते रहे। तीन जने मौके पर ही लहुलुहान होकर पड़े रहे। महिलाएं यह देख वहीं बेहोश हो गई। फिर आरोपी ट्रैक्टर से ही वापस निकले हैं।

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