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अलवर

आग में खाक हो गए शादी के अरमान, जेवरात-नकदी जले

परिवार में 29 जनवरी को होनी है?छह बहनों की शादी

अलवरJan 20, 2020 / 02:11 am

Pradeep

आग में खाक हो गए शादी के अरमान, जेवरात-नकदी जले

आग में खाक हो गए शादी के अरमान, जेवरात-नकदी जले

अलवर. शहर के प्रतापबांध स्थित धींवरों के छप्परों में रविवार रात लगी आग से बेटियों की शादी के अरमान खाक हो गए। आग में परिवार के तीन-चार कच्चे छप्पर जल गए। बेटियों की शादी का पूरा सामान, जेवरात और लाखों रुपए की नकदी जलकर राख गई। शादी की खुशी में खिलखिला रही बेटियों की आंखों में अब आंसू है और परिवार सर्दी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर।
हीरालाल धींवर की बेवा गंगादेवी अपने परिवार सहित प्रतापबांध के समीप कच्चे छप्परों में रहती है। गंगादेवी के ११ बेटी और दो बेटे हैं। इनमें से पांच बेटी और दो बेटों की शादी हो चुकी है। शेष छह बेटी रामा, कांता, दयावती, कोमल, रीना और नेहा की शादी २९ जनवरी को होनी है। परिवार में शादी की तैयारियां चल रही थी। बहन-बेटी और रिश्तेदार आए हुए थे। रविवार शाम करीब सात बजे परिवार के लोग पास ही खाना बना रहे थे। तभी अचानक उनके छप्परों में आग लग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। छप्परों में लगी आग को देख परिवार में अफरा-तफरी मच गई। पास से ही टैंकर बुलाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। कुछ ही देर में सदर थाना पुलिस और दमकल पहुंच गए। इसके बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।
आग लगी तो निकलकर भागी बालिकाएं
घनश्याम ने बताया कि जिस समय आग लगी उस समय परिवार दूर खाना बना रहा था। छप्परों के अंदर उसकी बहन की दो बेटियां करिश्मा (१०) और करीना (५) सो रही थी। आग की लपटें लगने पर दोनों बच्चियों की आंख खुली और वह छप्परों से निकलकर बाहर भागी। घनश्याम ने बताया कि उन्होंने एक कुतिया पाली हुई है। जिसके चार पिल्ले तूड़े के छप्परों में थे, आग में जलकर मर गए।
सिर्फ पशुओं का छप्पर बच
गंगादेवी का परिवार मेहनत मजदूरी कर कच्चे छप्परों में जीवन यापन कर रहा है। आग में उनके सभी छप्पर जल गए। सिर्फ पशुओं को बांधने वाला एक छप्पर बचा है। शादी के कारण कई रिश्तेदार आए हुए हैं। अब परिवार के पास सिर छिपाने को एक भी छप्पर नहीं बचा है। परिवार और रिश्तेदार सब खुले में रहने को मजबूर हैं।
कोई नहीं आया मदद को
आग में अपना सबकुछ गंवा चुके इस परिवार की मदद के लिए रात तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचे। जबकि सोशल मीडिया पर घटना की खबरें खूब चल रही थी।
आंखों में आंसू लिए सामान तलाशती रहीं बेटियां
आग के बाद गंगादेवी का पूरा आशियाना खाक में बदल गया। जिन बेटियों की २९ जनवरी को शादी है। उनकी आंखों से आंसू थे और घबराहट से कांपते हाथों से वह राख में से अपनी शादी के अधे जले और बचे सामान को तलाशती रही।
शादी के लिए कर्ज लिया था, जल गए रुपए
गंगादेवी के छोटे बेटे घनश्याम धींवर ने बताया कि उसकी छह बहनों की शादी २९ जनवरी को होनी है। जिनकी लग्न २३ जनवरी को खो-दरीबा और हरियाणा के हथीन जानी है। बहनों की शादी के लिए इधर-उधर से लाखों रुपए का कर्जा लिया था। आग से छप्परों में रखे दहेज का सामान सामान बेड, गद्दे, कुर्सी, ड्रेसिंग, कपड़े, बिस्तर, सोना-चांदी के जेवरात और करीब पांच-छह लाख रुपए की नकदी जलकर राख हो गए। सिर्फ ८-१० हजार रुपए ही जलने से बचे हैं।

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