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राजस्थान में यहां डेयरी खोलने के नाम पर अल्पसंख्यक विभाग को लगाया करोड़ों का चूना, हुआ बहुत बड़ा घाटा

dairy loan in rajasthan : डेयरी खोलने के नाम पर अल्पसंख्यक विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है।

अलवरJun 26, 2019 / 03:47 pm

Hiren Joshi

Minority Department Dairy Loan In Rajasthan

राजस्थान में यहां डेयरी खोलने के नाम पर अल्पसंख्यक विभाग को लगाया करोड़ों का चूना, हुआ बहुत बड़ा घाटा

अलवर. dairy loan in rajasthan : अल्पसंख्यक विभाग ( minority department ) से ऋण लेकर डेयरी का व्यवसाय करने वाले भले ही मालामाल हो गए हो , लेकिन विभाग इनकी वजह से घाटे में पहुंच गया है। अल्पसंख्यक विभाग के करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए बकाया हैं जो विभाग ने अल्पसंख्यक वर्ग को स्वरोजगार के लिए दिया था। जिले के करीब 684 ऋणधारक है, जिन्होंने अब तक विभाग का एक पैसा नहीं चुकाया है।
ऐसे हालात में अब विभाग ने गाय, भैंस, भेड़ व बकरी डेयरी के लिए ऋण ( dairy loan ) देने पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि राजस्थान में पांच जिले ऐसे हैं जिसमें अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने डेयरी चलाने के नाम पर विभाग से ऋण लिया था, लेकिन अब तक चुकता नहीं किया है। इसमें अलवर भी शामिल है।
दस सालों में बांटा साढे चार करोड़

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में विभाग अनुजा विकास निगम लिमिटेड के नाम से संचालित था, 2011 में इसे अल्पसंख्यक विभाग नाम दिया गया। करीब दस सालों में विभाग ने साढ़े चार करोड रुपए का ऋण वितरित किया था, इसमें से 1 करोड की ही वसूली विभाग कर पाया है। शेष साढे तीन करोड की वसूली अभी तक अटकी हुई है। अब विभाग दुकान, हथकरघा, फर्नीचर सहित अन्य व्यवसाय के लिए ही ऋण उपलब्ध कराएगा।
गारंटी की जरूरत नहीं

एक लाख तक ऋण लेने के लिए गारंटी की जरुरत होती है। इसमें गारंटर या ऋण लेने वाले के जमीन के दस्तावेज विभाग के पास रखे जाते हैं जबकि 50 हजार रुपए तक के ऋण के लिए कोई गांरटी की जरूरत नहीं होती है। ऋण चुकता नहीं करने वालों में अधिकतर लोग 50 हजार रुपए के ऋण लेने वाले हैं।
दो साल बाद है नंबर

डेयरी चलाने के नाम पर ऋण लेने वाले लोगों से विभाग इस कदर परेशान है कि पिछले दो साल से ऋण देने के लिए बजट ही जारी नहीं किया है। ऐसे में जो लोग वास्तव में जरूरतमंद है उनको भी पैसा नहीं मिल पा रहा है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 व 2018 में आवेदन तो लिए लेकिन ऋण नहीं मिल पाया।
विभाग करेगा कार्रवाई

हमारा पूरा प्रयास है कि बकायादारों से राशि की वसूली हो, इसके लिए प्रतिदिन 20 से 25 ऋणियों से बातचीत कर उनको समझाया जाता है। हम घर जाकर भी वसूली कर रहे हैं जिससे कि आने जाने का किराया खर्च न हो और समय भी बर्बाद न हो। फिर भी यदि वसूली नहीं होती है विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा।
जयराम मीणा, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, अलवर।
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