दो बांधों में ही पानी- बरसात समय पर नहीं आने के कारण अलवर जिले के अधिकतर बांध खाली हैं। सीलिसेढ़ बांध में 12 फिट और मंगलसर में 6 फिट ही पानी है जबकि अन्य बांध खाली हैं।
औसत से बेहद कम बारिश जिले में इस साल औसत से बेहद कम बारिश हुई है। जिले में बारिश का सालाना औसत 555 मिमि है। इसके अनुसार अभी तक 189.62 मिमि बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक जिले में केवल 125.57 मिमि बारिश ही हुई है।
राजगढ़ 22 जुलाई। राजगढ़ क्षेत्र में बारिश नही होने के कारण करीब दो हजार हैक्टेयर भूमि में बुवाई नही हो पाई है। इसके अलावा बारिश के अभाव में ज्वार व मक्का की फसल जलने लग गई है। मोतीवाड़ा गांव निवासी किसान रामकरण गोस्वामी का कहना है कि उसने अ_ारह बीघा खेत में ज्वार, बाजरा व मक्का की बुवाई कर नलाई कर दी है। बारिश नही होने के कारण ज्वार व मक्का की फसल मुरझाकर जलने लग गई है। यदि कुछ दिनों में बारिश नही हुई तो करीब बीस हजार रूपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे पहले पांच बीघा भूमि में ज्वार व मक्का की बुवाई की थी। लेकिन वो उग नही पाएं। रतनपुरा गांव निवासी किसान छोटेलाल मीना का कहना है कि उसने पंद्रह बीघा के खेत में बाजरा व ज्वार की बुवाई कर नलाई कर दी अब आधा-आधा फीट फसल के पौधे बारिश नही होने के कारण मुरझाकर सूखने लग गए है। दस-पंद्रह दिन बारिश नही आई तो करीब बीस हजार रूपये का नुकसान होगा। कृषि अधिकारी गोकरण मीना का कहना है कि राजगढ़ क्षेत्र में अ_ारह हजार हैक्टेयर जमीन में से सोलह हजार हैक्टेयर में फसल की बुवाई हुई है। बारिश नही आने के कारण दो हजार हैक्टेयर जमीन पर बुवाई नही हो पाई है। तेज धूप व बारिश नही होने के कारण ज्वार व मक्का की फसल जलने लग गई है। यदि पांच- दस दिनों में बारिश नही हुई तो ज्वार व मक्का की फसल जलकर नष्ट हो जाएगी। क्षेत्र में 353 हैक्टेयर में मक्का, 2165 हैक्टेयर में ज्वार, 1350 हैक्टेयर में बाजरा, 2 हैक्टेयर में अरहर, 50 हैक्टेयर में तिली , 5 हैक्टेयर में कपास, 120 हैक्टेयर में ग्वार व 334 हैक्टेयर में सब्जी व अन्य फसल की बुवाई हुई है। कृषि अधिकारी विश्राम मीना का कहना है कि बारिश नही होने के कारण आंधवाड़ी, लुहारवाड़ा, टहटडा, सालोली, माचाड़ी, बबेली आदि क्षेत्रों में बारिश नही होने के कारण फसल की बुवाई नही हो पाई है। बारिश नही होने व तेज धूप पडऩे के कारण ज्वार व मक्का की फसल मुरझाकर जलने लग गई है। यदि बारिश कुछ दिनों में नही हुई तो फसल जल जाएगी। जिससे भारी नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा।