पुलिस ने बताया कि मंगलवार को यूआईटी थाना प्रभारी को फोन पर जोडिया मेव गांव में दोनों मासूमों की संदिग्धावस्था में मौत की सूचना मिली। पुलिस जोडियामेव निवासी रसीद खां के घर पहुंची तो उसके दोनों बच्चों के शव संदिग्ध अवस्था में बिस्तर पर पड़े हुए थे। मृतकों के शरीर पर कोई चोट आदि के निशान नहीं थे। जिस पर दोनों के शव पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद बच्चों की मौत गला घोटकर होना पाया गया। जिस पर मामले में संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई, तो रसीद की पत्नी मुनफेदा शके दायरे में आई। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ करने पर महिला ने अपराध कबूल कर लिया।
दरअसल रसीद के घर में किशनगढ़बास के मोठूकावास ग्राम का समयदीन नामक व्यक्ति करीब डेढ़ से दो माह से रह रहा था। जिससे रसीद की पत्नी के मुनफेदा के अवैध संबंध बन गए और दोनों ने निकाह करने की ठानी। लेकिन इसमें समयदीन की ओर से इंकार कर दिया गया। जिस पर उन्होंने दोनों बच्चों की हत्या का षड्यंत्र रचा।
जिसके तहत मंगलवार को समयदीन जल्दी ही घर से काम पर चला गया और पीछे से मुनफेदा अपने बच्चों पुरसीद 4 हीबा 14 माह को स्नान कराने के बहाने अपने कक्ष में ले गई। जहां दोनों को नहलाकर विस्तर पर लिटाया और बारी—बारी से उनका गला घोटकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों के गले पर पाउडर लगा दिया, ताकि गले पर दबाव के निशान नजर नहीं आए। इस मामले में पुलिस के समाने दोनों ने सारा राजफाश कर दिया। इस मामले का जल्दी राजफाश करने में डीएसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में गठित पुलिस दल यूआईटी थाना प्रभारी, चौपानकी थाना प्रभारी एवं टपूकड़ा थाना प्रभारी अन्य पुलिस कर्मियों ने सराहनीय भूमिका निभाई।
पहले दिन ही नतीजे पर पहुंची पुलिस
वैसे इस मामले में पुलिस पहले दिन ही लगभग नतीज पर पहुंच गई थी कि बच्चों की मौत का जिम्मेदार और कोई नहीं घर में ही निकलेगा और हुआ भी यही। वहीं, हत्याकांड के बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों द्वारा भी यही आंकलन किया जा रहा था। जिसको पुलिस ने अपने अनुसंधान के दौरान सबूत जुटकार साबित कर दिया।