क्षेत्रफल में बड़ा होने के बाद भी सरिस्का में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या रणथंभौर से काफी कम है। पिछले सवा साल में तीन बाघ-बाघिन की मौत का सरिस्का के पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ा। पिछले महीने तीन शावकों के गायब होने से भी सरिस्का की साख पर बट्टा लगा है। हालांकि रणथंभौर से एक नया बाघ टी-75 आने से सरिस्का में पर्यटकों को खुशी हुई, लेकिन पिछले दिनों थानागाजी में शर्मशार करने वाली गैंगरेप घटना ने पर्यटन पर फिर ब्रेक लगा दिए।
सरिस्का बाघ परियोजना में सामान्यत: दो पारियों 10 से 15 सफारी जंगल भ्रमण के लिए जाती हैं। शनिवार व रविवार और अन्य अवकाश के दिन सफारी की संख्या बढकऱ 20 से 25 तक पहुंच जाती है। थानागाजी गैंगरेप वारदात 7 मई को उजागर होने के बाद से सरिस्का में सफारी की संख्या घटकर 2 से 4 रह गई है। गत 7 मई को दोनों पारियों में 3, 8 मई को एक, 9 मई को 3, 10 मई को 2 तथा 11 मई शनिवार के अवकाश के दिन दोनों पारियों में मात्र 8 सफारी ही जंगल भ्रमण को गई।
जानकारों का मानना है कि किसी भी पर्यटन स्थल के पास आपराधिक घटना होने का दूर दराज तक पर्यटकों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। थानागाजी गैंगरेप देश भर में चर्चा में आ गया। इससे लोगों में भय व्याप्त हो गया। पर्यटकों की चिंता यह रहती है कि जब स्थानीय लोगों के साथ ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो बाहरी पर्यटक कैसे सुरक्षित रह पाएंगे।