खास बात यह है कि बाघ के साथ एतिहासिक कांकवाड़ी किले को भी पर्यटक नजदीक से निहार सकेंगे। यह सब सरिस्का में पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ाने देने को लेकर किया जा रहा है। वन मंत्री ने दिए बाघ के संकेत, प्रशासन ने ट्रैक बनाने के हाल में सरिस्का आए वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने सरिस्का में नए बाघ लाने के संकेत दिए हैं। वहीं इसके साथ सरिस्का प्रशासन जल्दी दो नए रूट बनाने की बात कह रहा है।
नए रूट में पाण्डूपोल से बोहचौकी, सिलीबेरी व उमरी होते हुए निकाला जाएगा। दूसरा पाटाखोरा व कांकवाड़ी होते हुए नीचे की तरफ से नया रूट बनाया जाएगा। ये दो नए रूट खोलने पर स्थानीय समिति की सहमति है। पहाड़ों पर बनेगा नया रूट पाटाखोरा से कांकवाड़ी होते हुए निकाला जाने वाला रूट बेहद आकर्षक होगा।
यह कांकवाड़ी किले तक पहुंचने के लिए पहाड़ों के ऊपर ट्रैक बनाया जाएगा। इस ट्रैक के ऊपर से चारों तरफ पहाड़ व हरियाली के मनमोहक नजारे देखने को मिल सकेंगे। पर्यटक बहुत नजदीक से कांकवाड़ी किले को भी देख सकेंगे। हालांकि अभी कांकवाड़ी किले के अन्दर जाने की अनुमति नहीं है। अभी टाइगर साइटिंग के चार रूट जोन एक में काला कुआं, ददेड़ी, घाणका तिराहा, घानका चौकी, दारुंडा, सात किलोमीटर, धर्मनाथ से कालीघाटी चौकी। जोन दो का रूट तारुण्डा, काली पहाड़ी, सात किलोमीटर, काली घाटी से कांकवाड़ी तक है।
दो नए रूट बनाने को लेकर स्थानीय सलाहकार समिति के स्तर पर चर्चा हुई है। इसके बाद संभागीय आयुक्त के साथ भी चर्चा हो चुकी है। सरकार के स्तर से अनुमति मिलने के बाद ये रूट बनाए जाएंगे।
– एसआर यादव, डीएफओ, अलवर