एएसआई राज सिंह ने बताया कि दिलावर सिंह नामक व्यक्ति अस्पताल पुलिस चौकी के पास मोटरसाइकिल खड़ी कर लघुशंका कर रहा था। अचानक उसकी नजर पुलिस चौकी की तरफ से मुंह में बच्चे को दबाकर भाग रहे कुत्ते पर पड़ी और इसने इसका पीछा किया। कुत्ता जोर से भागने लगा और आखिरकार जिलानी माता मंदिर के पीछे खेतों में कुत्ते से नवजात बच्चे को छुड़ा लिया, लेकिन तब तक कुत्ता बच्चे के दोनों हाथों व कमर के नीचे के भाग को अपना ग्रास बना चुका था। इसकी सूचना पुलिस को दी गई, जिस पर पुलिस ने जिलानी माता मंदिर के पास पहुंचकर मौका मुआयना किया और बच्चे के शव को बोरे में डालकर सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
माता-पिता बने संवेदनहीन नवजात को जिंदा डाला गया या मृत, खेतों में फेंका या कहीं ओर, पता नहीं चल पाया है। चिकित्सक संभावना जता रहे हंै कि मृत बच्चा होने या जन्म लेने के बाद मृत्यु होने पर डाला गया होगा। बच्चे के शव को खुले में पटकना माता-पिता की संवेदनहीन को दर्शाता है।
मेल-फीमेल का पता नहीं चला राजकीय रेफरल चिकित्सालय के डॉ.आर्दश अग्रवाल ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करने से पता चला कि वह एक-दो दिन पहले जन्मा था। बच्चे की नाल पर क्लेम्प लगी जिससे पता चलता है कि उसका प्रसव किसी अस्पताल में ही हुआ है। शव का नीचे का हिस्सा व हाथ कुत्ते द्वारा खा जाने से पता नहीं चल सका कि वह मेल या फीमेल बेबी था।