वर्चुअल नम्बरों से कर रहा बातचीत सूत्रों के अनुसार ( Papla Gujjar ) पपला गुर्जर ने इंटरनेट के माध्यम से कई अलग अलग देशों के कोड के साथ कई वर्चुअल नम्बर जनरेट किए हुए हैं। जिनके माध्यम से वह अपने गुर्गों और अन्य गिरोह के साथी बदमाशों से व्हाट्स-एप कॉलिंग के माध्यम से बात कर रहा है। इसके लिए पपला कई मोबाइल इस्तेमाल कर रहा है।
पपला के ठिकानों पर मुखबिर एसओजी ने ( Papla Gujjar ) पपला गुर्जर के गांव, संभावित ठिकानों और उसके गुगों के आगे-पीछे मुखबिरों का जाल बिछाना शुरू कर दिया है। हरियाणा पुलिस ने पिछले दिनों गांव में पपला के आने की सूचना पर उसके घर के आसपास एक खोखा भी रखवाया, जिस पर बैठकर मुखबिर ने निगरानी रखी, लेकिन पपला गांव नहीं आया।
हनी ट्रैप की तैयारी पपला गुर्जर के अलवर और हरियाणा में कई महिलाओं से भी सम्बन्ध सामने आए हैं। इस सूचना के बाद एसओजी ने पपला के हनी ट्रैप की तैयारी भी की, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई। अब आगे पुलिस और एसओजी परंपरागत पुलिसिंग और पपला गुर्जर को जाल में फंसाने के लिए नई रणनीति तैयार कर सकती है।
अन्य राज्यों की पुलिस ने छोड़ा साथ! मोस्ट वांटेड विक्रम उर्फ पपला गुर्जर ( Papla Gujjar ) को पकडऩे के लिए पांच राज्यों की पुलिस का शिकंजा 25 दिन में ही ढीला पड़ गया है। हरियाणा पुलिस ने चुनावी आड़ लेते हुए पल्ला झाड़ दिया है। दिल्ली, उत्तरप्रदेश और पंजाब पुलिस का तालमेल भी गड़बड़ाने लगा है। राजस्थान पुलिस अब अकेली ही जूझ रही है। छह सितम्बर की सुबह बहरोड़ थाने में एके-47 से अंधाधुंध गोलियां बरसा साथी बदमाश पपला गुर्जर को हवालात से निकाल ले गए थे।
इस सनसनीखेज घटना को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लिया। इसी वजह से पपला गुर्जर की तलाश में राजस्थान पुलिस के साथ हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन की योजना बनाई लेकिन मात्र 25 दिन में ही पांचों राज्यों की पुलिस का तालमेल टूट गया। कहने को तो इन पांचों राज्यों की पुलिस पपला के पीछे है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के गंभीरता से प्रयास सिर्फ राजस्थान पुलिस ही कर रही है।