पायल को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार बाल विवाह और बाल श्रम को रोकने की दिशा में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के परिणाम स्वरूप दिया गया है। पायल जांगिड़ नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के चिल्ड्रन फाउंडेशन से जुड़ी हुई हैं। पुरस्कार मिलने के बाद पायल ने कहा कि मुझे खुशी है मुझे सम्मानित किया है। जिस तरह हमने हमारे गांव से बाल विवाह और बाल मजदूरी समाप्त की, उसी तरह हम पूरे विश्व से यह समाप्त करना चाहते हैं।
बाल विवाह का विरोध किया पायल जांगिड़ के माता-पिता ने उसका और उसकी बड़ी बहन बबली का विवाह तय कर दिया था, उस समय पायल की उम्र 11 वर्ष थी। पायल ने अपने परिजनों के इस फैसले का कड़ा विरोध किया, मजबूरन परिजनों को अपना फैसला बदलना पड़ा। इसके बाद पायल ने बाल विवाह, बाल श्रम और घूंघट प्रथा के खिलाफ अभियान शुरु किया और इन कुरितियों के प्रति लोगोंं को जागरुक किया। शुरुआत में उसे लोगों का विरोध झेलना पड़ा, फिर धीरे-धीरे लोग उसकी बात समझने लगे। वर्ष 2013 में वे कैलाश सत्यार्थी के संपर्क में आई और तभी से वह महिलाओं और युवाओं को साथ लेकर बाल अधिकारों के प्रति आवाज उठा रही है। पायल अपने बाल मित्र गांव हींसला की बाल सरपंच है, अब उनके गांव में 6 से 14 वर्ष की उम्र के सभी बच्चे बाल श्रम से मुक्त कराए जा चुके हैं।
माता-पिता ने कहा हमें गर्व है पायल जांगिड़ के माता-पिता ने पत्रिका से खास बातचीत में कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। उन्होंने उनका नाम समूचे विश्व में रोशन किया है। पायल जांगिड़ के पिता पप्पूराम जांगिड़ कारपेंटर हैं और उनकी मां राजू देवी गृहणी है। पायल के दो बहन और एक भाई है। पूर्व में पायल के परिजन उसका और उसकी बड़ी बहन का विवाह कर रहे थे, लेकिन अब वे समझ गए हैं और उनका कहना है कि उनकी बेटी स्वयं यह निर्णय लेगी।
Payal Jangid Get Global Goalkeepers ChangeMaker Award Gates Foundation