ऑन लाइन व डिजिटलाइजेशन पर हर माह करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। पुलिस को हाईटेक बनाने का तेजी से काम चल रहा है। ऑन लाइन एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है, तो अपराध रोकने के लिए आए दिन नए सॉफ्टवेयर पुलिस की तरफ से लांच किए जा रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। अपराधियों की पहचान व राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर हिस्ट्रीशीटरों की डिटेल डाली गई है। प्रदेशभर में 9635 हिस्ट्रीशीटरों की सूचना अपलोड है। इसमें अलवर जिले के 326 हिस्ट्रीशीटर शामिल हैं। इन हिस्ट्रीशीटरों में से 157 हिस्ट्रीशीटरों की फोटो नहीं लगी है। जबकि कइयों की फोटों सालों पुरानी, ब्लैक एण्ड व्हाइट हैं। इसी तरह के हालात प्रदेशभर के हैं। लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है। ऐसे में हिस्ट्रीशीटरों की पहचान नहीं होती है व खुलेआम अपराधी घूमते हैं।
डीसी जैन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक,
अजमेर 507
अलवर 326
भीलवाड़ा 289
नागौर 390
टोंक 192
भरतपुर 307
धौलपुर 145
करौली 233
सवाईमाधोपुर 166
बीकानेर 375
चूरू 153
हनुमानगढ़ 129
श्रीगंगानगर 336
दौसा 118
जयपुर ग्रामीण 122
झुंझुनू 173
सीकर 333
बाड़मेर 369
जैसलमेर 59
जालौर 160
जोधपुर ग्रामीण 129
पाली 339
सिरोही 164
बारां 290
बूंदी 295
झालावाड़ 336
कोटा सिटी 417
कोटा ग्रामीण 205
बांसवाड़ा 161
चित्तौडगढ़़ 448
डूंगरपुर 120
प्रतापगढ़ 176
रासामंद 170
उदयपुर 365 जयपुर
अजमेर रेंज 1378
भरतपुर रेंज 851
बीकानेर रेंज 993
जीआरपी रेंज 02
जयपुर कमिश्नरी 811
जयपुर रेंज 1072
जोधपुर कमिश्नरी 325
कोटा रेंज 1543
उदयपुर रेंज 1440 हिस्ट्रीशीटरों की फोटो अपलोड नहीं है। जल्द ही सभी जिलों की मदद से अपराधियों की फोटो अपलोड कराई जाएगी। जिन अपराधियों की पुरानी फोटो है, उनकी नई अभी की फोटो डाली जाएगी। जिससे इनकी पहचान हो सके।
डीसी जैन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, जयपुर