मजबूरन परिषद अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों की जगह विभाग के कर्मचारियों को बिठाकर समारोह की खानापूर्ति करनी पड़ी। ऐसा पहली बार नहीं हुआ। इससे पूर्व भी जिला परिषद में आयोजित बैठकों से जनप्रतिनिधि नदारद रहे। इसके कारण चाहे कुछ भी गिनाए जाएं, लेकिन सच्चाई ये है कि परिषद की ओर से जनप्रतिनिधियों को समय पर सूचना नहीं दी जाती। इसे लेकर पूर्व में भी कई जनप्रतिनिधि आपत्ति जता चुके हैं। मंगलवार को भी ऐसा ही हुआ। परिषद अधिकारियों की मानें तो उन्होंने जिले के समस्त जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम की सूचना दी। उधर, जनप्रतिनिधियों का कहना है कि उन्हें कोई सूचना नहीं मिली।
खाली पड़ी रही कुर्सियां जिला स्तरीय पंचायती राज समारोह में केवल जिला प्रमुख रेखा राजू यादव, उप जिला प्रमुख रमन गुलाटी सहित एक जिला परिषद सदस्य पहुंचा। वहीं, जिला परिषद के सीईओ ने भी पंचायती राज के इस समारोह पर जिला कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक को तरजीह दी। उनकी जगह एसीईओ ने समारोह का जिम्मा संभाला। समारोह में जिले के सभी विधायक, सांसद, जिला परिषद सदस्य, नगर परिषद सभापति सहित नगर परिषद पार्षदों को शामिल होना था, लेकिन स्थिति ये थी कि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के नाम पर केवल तीन लोग पहुंचे। इसके चलते समारोह बेनूर रहा और कुर्सियां इसकी चुगली करती रहीं।
मैं मंगलवार को दोपहर तक अलवर था। मुझे कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं मिली। परिषद अधिकारियों को कार्यक्रम की सूचना नियमानुसार भिजवानी चाहिए थी।
ज्ञानदेव आहूजा, विधायक रामगढ़ मैं मंगलवार को
जयपुर था, लेकिन मुझे पंचायत दिवस समारोह की कोई सूचना नहीं मिली। न ही किसी ने फोन से मुझे इसके बारे में बताया।
जयराम जाटव, विधायक अलवर ग्रामीण
हमने सभी जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम की सूचना भेजी थी। इस दिन ग्राम सभाएं भी थी। पंचायत स्तर पर भी कार्यक्रम थे। इसलिए जनप्रतिनिधि उन कार्यक्रमों में शामिल हुए।
लोकेश मीणा, एसीईओ जिला परिषद अलवर