3 जनवरी को तिजारा के भिण्डूसी के पास रोडवेज बस सहित एक-एक कर पांच वाहन आपस में टकरा गए। घटना में रोडवेज बस में सवार पांच महिलाओं सहित करीब डेढ़ दर्जन सवारियां घायल हो गई। 11 जनवरी को अलवर से तिजारा जा रही एक रोडवेज बस अनियंत्रित होकर खानपुर मेवान के पास एक मकान में जा घुसी। घटना में बस में सवार सात सवारियों को चोटें आई। जानकारों की मानें तो रोडवेज बसों में सुविधाओं से भी यात्री नाखुश हैं। रोडवेज प्रशासन ने हाल ही बसों में सीसीटीवी कैमरे व म्यूजिक सिस्टम लगाने की बात कहीं, लेकिन म्यूजिक सिस्टम अभी लगे नहीं हैं। सीसीटीवी कैमरे भी आधे से अधिक खराब पड़े हैं।
बसों की जर्जर हालत रोडवेज बसों की जर्जर हालत से उसकी बसों का लोड फैक्टर भी घटा है। मत्स्य नगर आगार की बसों का लोड फैक्टर 70 से 80 प्रतिशत के बीच बना हुआ है। वहीं, अलवर आगार की बसों का हाल तो इससे भी बुरा है। आगार की बसों को 75 से 80 फीसदी लोड फैक्टर के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है।
रबर चढ़े टायर रोडवेज बसों की हालत उसकी माली हालत जैसी बनी हुई है। अलवर में रोडवेज की ज्यादातर बसें रबर चढ़े टायरों पर दौड़ रही है। यह टायर कब धोखा दे जाएं, इसका पता रोडवेज अधिकारियों तक को नहीं है। बसों में शीशे की जगह लोहे की चादरें लगी हैं, जिनसे सफर के दौरान डरावनी आवाजें व हवा आती रहती है। स्थिति ये है कि रोडवेज इन्हें बदलवाने की जगह बसों को सरपट दौड़ा रहा है। इससे यात्रियों का मोह रोडवेज से भंग हो रहा है।
सर्दी व लोक परिवहन बसों से रोडवेज के लोड फैक्टर में कमी आई है। फिलहाल सामान की कुछ दिक्कत है, लेकिन जल्द ही सामान मंगा लिया जाएगा। वैसे रोडवेज की ज्यादातर बसें ठीकठाक हैं। कई नई बसें भी बेड़े में शामिल हुई हैं।
-मनोहर लाल शर्मा, मुख्य प्रबंधक अलवर आगार।