राजस्थान के इस केबिनेट मंत्री ने घर के आगे कर रखा अतिक्रमण, प्रशासन जांच करने की भी नहीं कर रहा हिम्मत
जयपुर. लोकायुक्त के आदेश के बावजूद सामान्य प्रशासन मंत्री हेम सिंह भड़ाणा के अलवर शहर के वीरसावरकर नगर स्थित आवास के बाहर हो रहे अतिक्रमण की जांच करने की अलवर तहसील व यूआईटी के अधिकारियों की हिम्मत नहीं हो रही है। लोकायुक्त ने 19 अप्रेल 2018 के आदेश के तहत अलवर तहसीलदार व यूआईटी सचिव से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी हुई है। करीब चार महीने बाद भी जिम्मेदार विभागों के अधिकारी संयुक्त सर्वे करने नहीं पहुंचे हैं। सिर्फ एक दूसरे पर टाल रहे हैं। तहसीलदार का कहना है कि एक बार मौके पर टीम सर्वे करने गई तो यूआईटी से कोई नहीं पहुंचा। दुबारा टीम भेजकर कराएंगे। यूआईटी सचिव का कहना है कि तहसील की टीम नहीं पहुंची। हमें जब भी बुलाएंगे तुरंत जाएंगे।
मार्च में शिकायत मार्च में वीरसावरकर, शिवाजी पार्क, साहबजोहड़ा सहित आसपास के लोगों ने लोकायुक्त में शिकायत दी थी कि सामान्य प्रशासन मंत्री ने मंदिर की काफी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण शिकायतकर्ता सामने नहीं आना चाहते हैं। लोगों में इस बात का डर है कि शिकायत करेंगे तो उनके साथ मारपीट की जा सकती है। इस शिकायत पर लोकायुक्त ने यूआईटी व तहसील से तथ्यात्मक रिपोर्ट सात मई तक मांगी थी जबकि अभी तक मौके पर सर्वे तक नहीं किया गया है।
पहले भी चर्चा में रही यह जमीन करीब नौ माह पहले मंत्री हेम सिंह भड़ाणा के पुत्रों पर तेज सिंह नाम के व्यक्ति को घर में बंद कर मारपीट का आरोप लगा था जिसमें बाद में समझौता भी हो गया। उस समय तेज सिंह ने यही आरापे लगाया था कि मंत्री के बेटों ने वीरसावरकर में उनके आवास के सामने वाली जगह पर तूड़ी के कमरे में उसे बंद कर मारपीट की है।
करीब दो बीघा जमीन, करोड़ों कीमत यूआईटी की आवासीय कॉलोनी वीरसावरकर से लगते हुए गोपालजी महाराज के नाम बड़ी जमीन हैं जिसमें एक बड़ा मंदिर भी है। मंदिर माफी की करीब डेढ़ बीघा जमीन पर अतिक्रमण है। यह जगह सामान्य प्रशासन मंत्री हेम सिंह भड़ाणा के घर के सामने हैं। करीब दो बीघा जमीन पर तारबंदी कर कर रखी है। यहां पर भैस बंधती है। लग्जरी गाडिय़ां खड़ी होती है। कुछ जगह पर पक्का निर्माण कर लिया है। जमीन पर नल कनेक्शन व बिजली कनेक्शन ले रखा है। यह करोड़ों रुपए की कीमत की जमीन है।
यूआईटी की टीम नहीं आई जुलाई माह में सर्वे करने तहसील से टीम गई थी। उस समय यूआईटी से कोई नहीं आया। अब हम दुबारा जल्दी सर्वे कराएंगे। जिसके बारे में यूआईटी को अवगत कराया जाएगा। -पवन कुमार, तहसीलदार, अलवर
हमारे को सूचना नहीं दी तहसील से हमें कोई सूचना नहीं मिली। एक बार उनकी खुद की टीम जाकर वापस आई है। अब जब भी उनकी टीम सर्वे करने जाएंगी तो यूआईटी से जाएंगे। -कान्हाराम, सचिव, यूआईटी अलवर
नोटिस आएगा तो जवाब दूंगा मेरे पास कोई सूचना या नोटिस नहीं है। यदि किसी भी एजेंसी से कोई नोटिस आता है तो उसका जवाब दिया जाएगा। लोकायुक्त ने जिनसे जानकारी मांगी है उन्हीें से आप बात करो। -हेम सिंह भड़ाणा, सामान्य प्रशासन मंत्री, राजस्थान सरकार
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