अलवर में नहीं पता कितनी क्रेडिट सोसायटी संचालित सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित अलवर में भी रजिस्ट्रार कार्यालय है। जिनकी जिम्मेदारी होती है कि इस तरह की सोसायटी की जानकारी रखें। उनके ग्राहकों का व निवेश का पता हो। कम्पनी की साख की जांच ऑडिट के जरिए होती रहे। लेकिन, हकीकत यह है कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की प्रदेश सरकार के स्तर पर कोई जांच या निरीक्षण नहीं होता है।
करीब दो दर्जन सोसायटी संचालित जिले में करीब दो दर्जन क्रेडिट को-ओपरेटिव सोसायटी व कम्पनी संचालित हैं। जिनमें हजारों लोगों का सैकड़ों करोड़ रुपया फंसा हुआ है। आधी से अधिक सोसायटी के कार्यालयों पर ताले लग चुके हैं। कुछ कम्पनी भी संचालित हैं। जिनका कोई अता-पता नहीं है कहां से पंजीकृत हैं।
ग्राहकों की संख्या व निवेश भी नहीं बताते हालात ये हैं कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालक ये भी नहीं बताते हैं कि उनके पास अलवर जिले से कितने ग्राहक है। कितना पैसा निवेश है?। पिछले दिनों जब क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की शिकायतें मिली तो रजिस्ट्रार कार्यालय से जांच करने पहुंची टीम को भी कुछ पता नहीं चला। सोसायटी के कर्मचारियों ंने यही जवाब दिया कि उनके पास सोसायटी के सभी ग्राहकों का डाटा है। जिले वार या सोसायटी कार्यालय के अनुसार नहीं है। ऐसे में रजिस्ट्रार कार्यालय को भी पता नहीं चल सका कि अलवर से कितने निवेशक फंसे हुए हैं।
यह सही है कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी अधिक हैं। जिनकी प्रदेश स्तर पर कोई जांच तक नहीं होती है। आमजन को किसी भी सोसायटी में पैसे निवेश करने से पहले जानकारी करनी चाहिए। किसी के कहने मात्र से निवेश करने का निर्णय नहीं करें।
राकेश भारद्वाज, रजिस्ट्रार अलवर