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Rajasthan News : लोगों को लगेगा टैक्स का ‘करंट’, नगर निगम अब इन जरूरी सेवाओं के लिए वसूलेगा ज्यादा फीस, जानें

दो दर्जन जनसुविधाओं के लिए लोगों को ज्यादा टैक्स (उपभोक्ता प्रभार) देना पड़ सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि दर्जनों ऐसे साधन हैं, जिनके जरिए नगर निगम का खजाना भर सकता है, तो जनसुविधाओं पर आय का लक्ष्य बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी ?

अलवरMay 24, 2024 / 05:07 pm

जमील खान

एक्सक्लूसिव
Alwar News : अलवर. पहले से महंगाई की मार झेल रही शहर की जनता पर नगर निगम टैक्स का बोझ बढ़ा सकता है। निगम ने अपना खजाना भरने के लिए गत एक अप्रेल से ही बजट के आंकड़ों पर काम करना शुरू कर दिया है। अब विवाह पंजीकरण, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, सफाई, कचरा संग्रहण के अलावा दो दर्जन जनसुविधाओं के लिए लोगों को ज्यादा टैक्स (उपभोक्ता प्रभार) देना पड़ सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि दर्जनों ऐसे साधन हैं, जिनके जरिए नगर निगम का खजाना भर सकता है, तो जनसुविधाओं पर आय का लक्ष्य बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी ? हालांकि अब तक प्रमाण पत्रों पर टैक्स का यह भार सीधा देखने को नहीं मिला।
इस तरह खजाना भरेगा निगम
निगम जनता को जनसुविधाएं देने के नाम पर उपभोक्ता प्रभार लेता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 564.72 लाख रुपए लेने का लक्ष्य तय किया था। दिसंबर 2023 तक 303.74 लाख रुपए ही प्राप्त हुए। निगम ने बिना देरी किए ही इसे संशोधित करके शुल्क 508.70 लाख कर दिया। अब वित्तीय वर्ष 2024-25 में 684.32 लाख रुपए वसूलने का प्रावधान किया गया है। यानी पिछले साल की अपेक्षा सुविधाओं के नाम पर नगर निगम इस बार जनता से 175.62 लाख रुपए अधिक लेगा। नेता प्रतिपक्ष विक्रम यादव कहते हैं कि निगम की कार्यशैली सभी को पता है।
उपभोक्ता प्रभार में यह सुविधाएं शामिल
-सीवर लाइन कनेक्शन शुल्क -वाचनालय सदस्यता शुल्क

-सेप्टिक टैंक सफाई

-कचरा संग्रहण शुल्क

-सफाई प्रभार

-शौचालय उपयोग शुल्क

-कृषि भूमि नियमन शुल्क
-समझौता

-फायर सर्टिफिकेट फीस

-विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र शुल्क

-मैरिज होम लाइसेंस शुल्क

-प्रतिलिपि शुल्क

-भवन निर्माण नियमितिकरण शुल्क

-अतिक्रमण शुल्क

-कांजी हाउस से आय
-नक्शा शुल्क आदि

टॉपिक एक्सपर्ट
टैक्स का लक्ष्य जब बढ़ाया जाता है, तो जनता से सीधा संबंध जुड़ जाता है। क्योंकि उपभोक्ता जनता ही है। लक्ष्य बढ़ाने से जनता पर भार आने की संभावना है। निगम को अपनी संपत्तियों से लेकर अन्य साधनों के जरिए ज्यादा कमाई करनी चाहिए ताकि जनता पर भार न आए। निगम की कई जगह हैं, जिनका उपयोग करके ज्यादा आय प्राप्त की जा सकती है। धर्मेंद्र शर्मा, सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता, यूआईटी अलवर (UIT Alwar)
बजट में हम अनुमानित लक्ष्य रखते हैं। निगम की आय यूडी टैक्स, होर्डिंग-बैनर आदि के जरिए होती है। ऐसे में जनसुविधाओं के बढ़ाए गए लक्ष्य से जनता पर भार नहीं पड़ेगा। – बजरंग सिंह, आयुक्त, नगर निगम
सुविधा वर्ष 2023-24 वर्ष 2024-25 का लक्ष्य
जन्म-मृत्यु पंजीयन फीस 5.15 5.25

विवाह पंजीयन शुल्क 5.15 5.25

फायर एनओसी, बीपीएल मेडिकल कार्ड 16.50 17.00

फायर सर्टिफिकेट फीस 0.65 0.75
कृषि भूमि नियमन शुल्क 2.23 3.00

भू उपयोग परिवर्तन शुल्क 150.00 200.00

सफाई प्रभार 0.75 0.80

सेप्टिक टैंक सफाई 0.10 0.25 (राशि करोड़ में)

खजाना भरने के लिए इन उपायों पर ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
निगम ने ठेकेदारों व सप्लायरों से धरोहर राशि व बिलों से काटी जाने वाली सुरक्षा राशि, अन्य अमानत राशि का लक्ष्य वर्ष 2023-24 में 868 लाख रुपए था, जिसे इस साल घटाकर 258 लाख रुपए कर दिया गया। यानी 610 लाख रुपए ठेकेदारों की ओर से निगम के खाते में कम पहुंचेंगे।
नगर निगम निकाय संपत्तियों से वर्ष 2023-24 में 44 लाख रुपए वसूलने का लक्ष्य रखता है लेकिन खजाने में दिसंबर 2023 तक ही 76.52 लाख रुपए आ गए। इस तरह पूरी साल का लक्ष्य संशोधित करके 83.08 लाख किया गया। अब वित्तीय वर्ष 2024-25 में फिर लक्ष्य 46.58 लाख किया गया, जबकि पिछले साल ही टैक्स ज्यादा मिला था।
विक्रय एवं भाड़ा प्रभार के तहत वर्ष 2023-24 में 115.20 लाख रुपए का लक्ष्य रखा गया। वहीं, इस वर्ष घटाकर इसे 112.20 लाख कर दिया गया।

निवेशों से आय एवं अर्जित ब्याज में सरकार की योजनाओं में किए जाने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति होती है। वर्ष 2023-24 में 87.01 लाख लक्ष्य रखा गया था और इस बार घटाकर 8 0.01 लाख कर दिया गया। पार्षदों का तर्क है कि नगर निगम ने खुद के संसाधनों से जो टैक्स वसूलना था वहां पर मेहनत करने के बजाय टैक्स लक्ष्य कम कर दिया और जहां जनता से सीधा पैसा आना था उसका लक्ष्य बढ़ा दिया।

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