अलवर सिटी पैलेस स्थित संग्रहालय की छत पर युसूफ एंड पार्टी की ओर से प्रसिद्ध लोकगीत या दुनिया में देख लो हो रही है टर टर की प्रस्तुति दी गई, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया. इसके बाद समूह के कलाकार युसूफ, जाकिर, महमूद ,असलम भारती ,छलिया राजस्थानी कमरुद्दीन और घनश्याम प्रजापत ने सांप्रदायिक एकता की अलख जगाने वाला गीत हिंदुओं का मंदिर, मुसलमानों की मस्जिद ,सिखों का गुरुद्वारा, ईसाईयों का गिरजा, यहां गिरजा ,वहां गिरजा , यह चारों दर है तेरा जी चाहे जहां गिरजा प्रस्तुत किया जो सभी को बहुत पसंद आया।
इसके बाद प्रसिद्ध कलाकार बने सिंह प्रजापत और उनके पुत्र विनय प्रजापत और झुमरू ने रिम भवाई नृत्य ढोलो मारो अलवर सु आयो ,बिछिया बाजनी लायो की प्रस्तुति देकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया।कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों की संख्या कम रही।
विभाग की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए यहां पर कुर्सियां दूर-दूर लगाई गई थी। यहां आने वाले दर्शकों को सेनेटाइजर करने की भी व्यवस्था की गई थी। लोक कलाकारों को मास्क बांधकर प्रस्तुति देनी पड़ी कलाकारों को काफी परेशानी भी हुई कलाकारों ने बताया कि मांस लगाकर गाने और नृत्य के दौरान सांस लेने में काफी तकलीफ हुई।
संग्रहालयध्यक्ष प्रतिभा यादव ने बताया कि विभाग के निर्देश से 1 जून से पर्यटक स्थल और संग्रहालय खोल दिए गए हैं लेकिन इसकी शुरुआत मंगलवार से होगी। उन्होंने बताया कि विभाग के निर्देशों के अनुसार 1 जून से प्रारंभ होने वाले प्रथम सप्ताह में 4 दिन मंगलवार, गुरुवार, शनिवार, रविवार को प्रात: 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक , जबकि द्वितीय सप्ताह में 4 दिन मंगलवार गुरुवार शनिवार और रविवार को प्रात: 9 से दोपहर 1 बजे तक एवं 3से शाम 5 बजे तक देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश निशुल्क रहेगा। तृतीय सप्ताह में नियमित रूप से प्रतिदिन प्रात: 9बजे से दोपहर 1बजे तक एवं 3: बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित शुल्क का 50 प्रतिशत छूट के साथ देशी-विदेशी पर्यटकों को प्रवेश दिया जाएगा