दस हजार से ज्यादा परिवारों को मिल रहा है रोजगार अलवर में करीब एक दर्जन से ज्यादा राखी उद्योग संचालित किए जा रहे हैं । जिससे करोडों की आय होती है। जिले के दस हजार से ज्यादा परिवारों को रोजगार मिल रहा है। महिलाएं इस उद्योग से सबसे ज्यादा जुडी हुई है। अलवर में राखियां बनाने का काम सालभर चलता है और राखी आने पर ये राखियां देश विदेश में भेजी जाती है। अलवर के राखी व्यवसायी बच्चू सिंह जैन ने बताया कि इस बार राखी के पर्व को लेकर उत्साह है। हर साल राखी पर नए डिजायन तैयार किए जाते हैं जिसके चलते अलवर की राखियां देश भर में मशहुर है। इस बार भी राखी के एक हजार से ज्यादा नए डिजायन तैयार किए गए हैं। जिसमें ब्रासलेट राखियां, फैंसी राखियां, डोरे की राखियां, भाई बहन का सेट , महिलाओं केेे लिए लूंंबा सैट तैयार किए गए हैं। बच्चों के लिए खास तौर से खिलौने वाली राखी, पैंसिल वाली राखी तैयार की है।
राखी के लिए गिफ्ट सेट ,पूजा के लिए प्लेट सेट तैयार इस बार राखी बनाने के साथ साथ भाई बहन के लिए खास तौर से गिफ्ट सैट भी तैयार किए गए हैं। जिसमें बहनों के लिए ,ज्वैलरी बाक्स, चॉकलेट किट, मेकअप किट, पर्स सेट के साथ चॉकलेट व टाॅफी लगाई गई है। राखी पर पूजा के लिए खास तौर से प्लेट सेट तैयार किए हैं। इस बार छोटे रूप में पूजा सेट तैयार किया है।
अलवर से 24 देशाें में जाती है राखियां अलवर की बनी राखियां विश्व के 24 देशों में जाती है। विदेशों में बसने वाले भारतीय एक माह पहले से ही राखियां मंगवा लेते हैं। कोरियर व डाक से देश भर में राखी भेजी जा रही है। कोरोना के बाद पहला साल है जब राखी का उत्साह है अगले साल इससे भी ज्यादा राखियों की मांग रहेगी।