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अलवर

मध्य प्रदेश में जल स्रोतों पर अतिक्रमण माना जाएगा अपराध, राजस्थान में रामगढ़ बांध से लेकर सिलीसेढ़ हर जगह माफियाओं का कब्जा

मध्य प्रदेश में जल स्रोतों पर अतिक्रमण अपराध माना जाएगा, लेकिन राजस्थान में अतिक्रमियों को खुली छूट मिली हुई है।

अलवरSep 24, 2019 / 10:12 am

Lubhavan

Ramgarh Dam Alwar : Encroachment At Ramgarh Dam In Rajasthan

मध्य प्रदेश में जल स्रोतों पर अतिक्रमण माना जाएगा अपराध, राजस्थान में रामगढ़ बांध से लेकर सिलीसेढ़ हर जगह माफियाओं का कब्जा

अलवर. देश के विभिन्न राज्यों में जल संरक्षण को लेकर सरकारें जागरुक हो रही हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ कह चुके कि एमपी में नदियों, तालाबों और जल स्रोतों पर अतिक्रमण अपराध माना जाएगा। इसके लिए प्रदेश में कानून बनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर अलवर की बात करें तो यहां झील, बांध और जल स्रोतों पर अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। जिले में सिलीसेढ़ झील, जयसंमद बांध और रूपारेल नदी का गला अतिक्रमण से घुट रहा है। यदि मध्य प्रदेश जैसे प्रयास यहां भी बने तो अलवर सहित प्रदेश में अतिक्रमण से जूझ रहे जल स्रोतों को जीवनदान मिल सकता है।
जयपुर का रामगढ़ बांध हो या अलवर का जयसमंद बांध, जल स्रोत अतिक्रमण की चपेट में है। सिलीसेढ़ और जयसमंद अलवर की पहचान हैं, लेकिन निरंतर अतिक्रमण से इन जल स्रोतों की पहचान पर संकट मंडरा सकता है।
सिलीसेढ़ की पाल पर अवैध निर्माण
सिलीसेढ़ झील सरिस्का के कोर एरिया का हिस्सा है। सिलीसेढ़ झील के बहाव क्षेत्र में हो रहा अतिक्रमण किसी से छिपा नहीं है। सिलीसेढ़ झील में आने वाले पानी के रास्ते पर अवैध निर्माण शुरू हो गया है। पाल के पास अवैध रूप से होटलों का निर्माण चालू है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि बांध, नदी, तालाब आदि के भराव क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं हो सकता, लेकिन अलवर में प्रशासन की छूट और मिलीभगत से सिलीसेढ़ पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है!
जयसमंद के रास्ते पर भी अतिक्रमण

जयसमंद झील में रूपारेल नदी का पानी आता है। लेकिन रूपारेल और जयसमंद के बीच अतिक्रमण के कारण जयसमंद बांध में पानी की पूरी तरह से आवक नहीं हो सकी। मानसून काल बीतने के बाद इस जलस्रोत में पानी नहीं बचा है। रूपारेल नदी से जयसमंद बांध के बीच कई जगह अतिक्रमण कर दिए गए है, जिससे नदी का पानी बांध तक नहीं पहुंच पा रहा। बहाव क्षेत्र पर कुएं खोद दिए गए और कई जगह मेढ़ बना दी। बारिश से सरिस्का वन क्षेत्र के एनिकेट ने भी बांध का रूप ले लिया। यदि प्रशासन समय रहते सिलीसेढ़ और जयसमंद पर अतिक्रमण की सुध लेता तो इस साल इनकी तस्वीर भी कुछ और ही होती।
गाजूकी और साबी के अस्तित्व पर भी संकट

अतिक्रमणकारियों ने अलवर में झील और बांध ही नहीं नदियों पर भी कब्जे कर लिए हैं। टेल्को चौराहे से आगे गाजूकी नदी के बहाव क्षेत्र पर अवैध रूप से दीवारें खड़ी कर दी गई। इससे कई जिलों की प्यास बुझाने वाली साबी नदी का अस्तित्व भी संकट में है। बारिश के समय उफनने वाली साबी नदी अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी है। इससे यहां अब पानी दिखना मुश्किल हो गया है।

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