अलवर जिले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ( Bhanwar Jitendra Singh ) के कार्यकाल में हुई सैनिक स्कूल की घोषणा के बाद आवंटित जमीन पर काम शुरू होता, उससे पहले केन्द्र और राज्य में सरकार बदल गई और राज्य की वसुंधरा सरकार ने आवंटित जमीन के पेटे केन्द्र सरकार से एक करोड़ रुपए मांग लिए। केन्द्र के इनकार के साथ ही स्कूल की फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। बाद में बानसूर में स्कूल खोलने की चर्चा हुई लेकिन वह चर्चा ही बनकर रह गई। इससे पहले राज्य व केन्द्र सरकार के बीच सैनिक स्कूल के लिए नि:शुल्क जमीन आवंटन के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए। राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक 13 /4817/ दिनांक 3 मई 2013 को कुल 95 बीघा भूमि सैनिक स्कूल के नाम आवंटित कर दी गई। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी टीकाराम जूली ( Tikaram Jully ) ने हल्दीना में सैनिक स्कूल खुलवाने का वादा भी किया था।
हल्दीना के तत्कालीन सरपंच मांगीलाल बैरवा, पूर्व पंचायत समिति सदस्य सुनील कुमार चौधरी, जिला परिषद सदस्य मंगल सिंह चौधरी, वंदना व्यास ने भी बैठकों में बार-बार हल्दीना में सैनिक स्कूल का मामला उठाया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली का कहना है कि 2013 में तत्कालीन रक्षा राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने हल्दीना में सैनिक स्कूल खोलने की स्वीकृति दिलवाई थी। करीब 95 बीघा भूमि सैनिक स्कूल के नाम से आरक्षित भी की गई लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ( Vasundhara Raje ) ने भूमि का एक करोड़ रुपए भुगतान देने की मांग कर दी जिससे स्कूल नहीं खुल पाया। वैसे राज्य सरकार की ओर से आवंटित भूमि जस की तस पड़ी हुई है।