सरिस्का बाघ परियोजना के अलवर बफर रेंज में साल की शुरुआत में बाला किला परिसर में बाघ एसटी-18 के पगमार्ग मिलने के बाद शुक्रवार को पर्यटकों को बाला किला परिसर में बारुद गोदाम (किलेदार की हवेली ) के पीछे झाडिय़ों में बाघ के दर्शन भी हो गए। अलवर बफर रेंज में सफारी पर गए अलवर के पर्यटक एआरजी निवासी अपूर्व जैन एवं शोभिका खुराना को शाम करीब 5.30 बजे बारुद गोदाम के पीछे नहर वाले रास्ते में झाडिय़ों में बाघ बैठा दिखाई दिया। यह क्षेत्र बाला किला तिराहे से करीब 100 मीटर दूरी है। बाघ को देख पर्यटक रोमांचित हुए।
सुबह से ही बाघ दिखने की थी उम्मीद लंबे समय से अलवर बफर जोन व बाला क्षेत्र में घूम रहे बाघ दिखने की उम्मीद सुबह से ही जग गई थी। सुबह वनकर्मी ने अंधेरी से बाला किला सूरजकुण्ड परकोटे पर बाघ देखा। बाद में इसकी सूचना सरिस्का प्रशासन व वन्यजीव प्रेमियों को दी। इस पर वन्यजीव प्रेमी लोकेश खंडेलवाल व निरंजनसिंह राजपूत आदि ने नेचर गाइड अजय व कोमल के साथ अलवर के पर्यटकों को सफारी पर भेजा। शाम को बाघ पर्यटकों को दिख गया। बाघ के बाला किला परिसर में कई जगह पगमार्क तथा बैठने के निशान भी मिले हैं। यानि बाघ एसटी -18 शुक्रवार को बाला किला क्षेत्र में आराम से घूमा है। करीब एक सप्ताह पहले भी यह बाघ सूरजपोल के पास दिखाई दिया था। बाघ एसटी-18 कई दिनों से अंधेरी व बाला किला क्षेत्र में ही घूम रहा था।
वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर बाला किला परिसर में पर्यटकों को बाघ एसटी-18 दिखने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि इससे अलवर बफर रेंज में पर्यटन बढ़ेगा।
बाला किला परिसर में पैदल नहीं जाएं सरिस्का प्रशासन ने बाला किला क्षेत्र में पैदल जाने व दो पहिया वाहनों से जाने पर रोक लगाई हुई है। इसके बाद भी लोग आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं। बाला किला क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के कारण लोगों को पैदल व दो पहिया वाहनों पर नहीं जाने की अपील है। इससे खतरा हो सकता है।
शंकरङ्क्षसह शेखावत रेंजर अलवर बफर रेंज सरिस्का