scriptसरिस्का के राजा की जिंदगी पर हमेशा क्यों मंडराती है मौत, सामने आया बड़ा कारण | Sariska National Park : Reason Of Tigers Death In Sariska | Patrika News
अलवर

सरिस्का के राजा की जिंदगी पर हमेशा क्यों मंडराती है मौत, सामने आया बड़ा कारण

Sariska National Park : सरिस्का में राजा की जिंदगी पर मौत हमेशा मंडराती रही है, पिछले साल सरिस्का में 2 बाघ व 1 बाघिन की मौत हो गई।

अलवरAug 05, 2019 / 11:03 am

Lubhavan

Sariska National Park : Reason Of Tigers Death In Sariska

सरिस्का के राजा की जिंदगी पर हमेशा क्यों मंडराती है मौत, सामने आया बड़ा कारण

अलवर. Sariska National Park : स्टेट एम्पावर्ड कमेटी ऑन फोरेस्ट एण्ड वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट की रिपोर्ट पर समय रहते सरकार कार्रवाई करती तो ( sarsiska tigers ) सरिस्का बाघ परियोजना ( Sariska Tiger Reserve ) की रेटिंग में गिरावट नहीं आती। वर्ष 2005 में राज्य सरकार की ओर से गठित वीपी सिंह कमेटी ने सरिस्का में ( tiger conservation ) बाघ संरक्षण, मॉनिटरिंग, शिकार पर रोक सहित अन्य सुझाव दिए थे, लेकिन 14 साल बाद भी रिपोर्ट पर अमल नहीं हो सका, नतीजतन वर्ष 2018 के सर्वे में सरिस्का की रेटिंग लुढक गई।
वर्ष 2005 में ( sariska national park ) सरिस्का में बाघों के सफाए के कारणों की जांच एवं इस पर रोक के लिए सुझाव देने के लिए राज्य सरकार की ओर से तत्कालीन सांसद वीपी सिंह की अध्यक्षता में स्टेट एम्पावर्ड कमेटी ऑन फोरेस्ट एण्ड वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट का गठन किया गया था। कमेटी ने सरिस्का में बाघों के शिकार, जंगल में शिकारियों की आसान पहुंच एवं सरिस्का के बाघ विहीन होने के कारणों की जांच कर सरकार को सुझाव दिए थे। कमेटी ने सरकार को ये दिए थे सुझाव
वीपी सिंह कमेटी ने सरिस्का की सुरक्षा के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करने पर बल दिया। सरिस्का में बसे 28 गांवों एवं पैराफेरी में बसे अन्य गांवों के विस्थापन को जरूरी बताया। बाघों की मॉनिटरिंग व रिसर्च को मजबूत करने की जरूरत बताई। इसके अलावा पर्यटकों की बढ़ती भीड़ पर नियंत्रण, धार्मिक पर्यटन से बढ़ते मानवीय दखल के साथ ही सरिस्का में शिकार करने वाले समुदाय की मौजूदगी को बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए बड़ा खतरा करार दिया था । कमेटी ने सरिस्का क्षेत्र से गुजरने वाले दो स्टेट हाइवे पर वाहनों की आवाजाही कड़ाई से रोकने को कहा था।
वनकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी जरूरी

सरिस्का में वनरक्षकों, वनपाल सहित अन्य वन अधिकारियों की संख्या बढ़ाने का सुझाव भी कमेटी ने दिया था। वर्ष 2005 में सरिस्का के 881 वर्ग किलोमीटर की 75 बीटों के लिए 225 वन रक्षकों की जरूरत बताई थी। वर्तमान में सरिस्का का क्षेत्रफल बढकऱ 1213 वर्ग किलोमीटर और बीटों की संख्या 102 हो गई है। इस लिहाज से वर्तमान में सरिस्का में करीब 400 वन रक्षक व अन्य स्टाफ की जरूरत है। कमेटी ने सुरक्षा में लगे वनकर्मियों को 45 साल की उम्र होने के बाद इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का सुझाव भी दिया था। वीपी सिंह कमेटी ने सरिस्का में बाघों के संरक्षण के लिए टाइगर रिजर्व की सीमा पर हो रहे वैध एवं अवैध खनन पर रोक को जरूरी माना था।
नहीं हुआ अमल

वीपी सिंह कमेटी की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपे कई साल बीत गए, लेकिन रिपोर्ट में दिए गए सुझावों पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। ना ही गांवों का सरिस्का से विस्थापन हो पाया है। सरकार ने सरिस्का में वनकर्मियों की संख्या भी जरूरत के हिसाब से नहीं बढ़ाई।

Home / Alwar / सरिस्का के राजा की जिंदगी पर हमेशा क्यों मंडराती है मौत, सामने आया बड़ा कारण

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो