बारिश के दिनों में सरिस्का में घास व हरियाली छा जाती है। इसके चलते ग्रामीण मवेशियों को चराने के लिए सरिस्का में अवैध तरीके से घुस जाते हैं। पीछे नहीं विस्थापित परिवार सरिस्का में मवेशी चराई को बढ़ावा देने में विस्थापित परिवार भी पीछे नहीं हैं। उमरी व अन्य गांवों से विस्थापित हो चुके ग्रामीण बारिश के दिनों में मवेशी लेकर सरिस्का में आ धमकते हैं। इन लोगों ने सरिस्का में झोंपड़ी तक रखी हैं, जिसे हटाने के लिए आरएसी व पुलिस की सहायता लेनी पड़ी। वनकर्मियों को मुकदमे भी दर्ज कराने पड़े।
एक आरोपी हो चुका है गिरफ्तार मवेशी चराई के एक आदतन अपराधी जयराम को पिछले दिनों सरिस्का में मवेशी लेकर प्रवेश करते पकड़ा जा चुका है। पिछले दिनों एक और आरोपी को मवेशी सहित पकड़ा गया है। वहीं बड़ी संख्या में मवेशियों को सरिस्का से बाहर खदेड़ा गया है।
अवैध चराई रोकना चुनौती भरा कार्य अवैध चराई रोकना सरिस्का प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। फिलहाल सरिस्का में 90 वनकर्मी, करीब 60 वर्कचार्ज कर्मी एवं 110 होमगार्ड मवेशी चराई रोकने के लिए तैनात हैं। लेकिन क्षेत्रफल ज्यादा होने एवं 102 बीट होने के कारण वनकर्मियों के लिए अवैध चराई रोकना चुनौती है।
रखते हैं नजर सरिस्का में चराई रोकने के लिए वनकर्मी व होमगार्ड तैनात किए गए हैं। चराई की सूचना मिलते ही टीम मौके पर भेजकर कार्रवाई करते हैं। सर्विलांस कैमरों से इस बार निगरानी में सहायता मिल रही है।
सेढूराम यादव, डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना