सरिस्का प्रशासन की ओर से जयपुर से वन्यजीव चिकित्सक को बुलाया। वन्यजीव चिकित्सक ने सरिस्का पहुंचकर बाघ के घाव के उपचार का प्रयास किया, लेकिन सुबह व दिन के समय बाघ नहीं दिख पाने से बाघ के घाव का इलाज नहीं हो सका। वन्यजीव चिकित्सक शाम को फिर से बाघ के घाव के इलाज के लिए जंगल में गए, जो कि रात तक जंगल में ही रहे।
sariska tiger news इंजेक्शन से दवा देना संभव
बाघ जैसे वन्यजीव का इलाज आसान नहीं है। बाघ का इलाज इंजेक्शन में एंटीबायोटिक दवा व अन्य दवाओं से हो सकता है। बाघ के घाव पर दवा लगाना व दवा देना आसान नहीं होता। इस कारण बाघ जैसे वन्यजीव के इलाज के लिए चिकित्सक ट्रंक्यूलाइज गन से इंजेक्शन देने को बेहतर मानते हैं। इसके अलावा बाघ को ट्रंक्यूलाइज कर इलाज करना संभव है, लेकिन बाघ एसटी-6 की उम्र ज्यादा होने के कारण उसे ट्रंक्यूलाइज करना खतरा भरा भी हो सकता है।
sariska tiger news बाघ की मॉनिटरिंग को लगाए कैमरे मॉनिटरिंग के लिए सरिस्का में बाघ की टैरिटरी में कैमरे लगाए गए हैं। कैमरों के माध्यम से बाघ पर नजर रखी जा रही है। वहीं वनकर्मियों को भी बाघ की सतत मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं। सरिस्का प्रशासन की चिंता बाघ की बढ़ती उम्र है। बाघ एसटी-6 की वर्तमान में उम्र 14 साल से ज्यादा हो चुकी है। इस उम्र में बाघ की बीमारी का इलाज आसान नहीं होता।
बाघ के इलाज के प्रयास जारी
बाघ एसटी-6 के घाव के इलाज के प्रयास जारी हैं। वन्यजीव चिकित्सक बाघ के इलाज के लिए सरिस्का पहुंच चुके हैं। वन्यजीव चिकित्सक बाघ की उम्र एवं अन्य हालात को ध्यान में रखकर इलाज के लिए बेहतर निर्णय करेंगे।
घनश्याम प्रसाद शर्मा
सीसीएफ, सरिस्का बाघ परियोजना