मुंडावर पंचायत समिति की भूनगड़ा अहीर ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय पर्व की मिठाई की राशि का घालमेल कर भ्रष्टाचार के मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद पंचायत समिति के विकास अधिकारी राकेश वर्मा की ओर से एक जांच कमेटी का गठन किया गया। इस जांच कमेटी ने इस मामले को पूरी तरह सही माना है।
स्कूलों ने कहा नहीं मिली मिठाई विकास अधिकारी राकेश वर्मा ने बताया कि राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद इस मामले को संवेदनशील मानते हुए एक टीम का गठन किया गया था। इस जांच कमेटी में पंचायत समिति के पंचायत प्रसार अधिकारी देशराज यादव एवं राधेश्याम वर्मा को शामिल किया गया एवं शीघ्र मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे। इस मामले में सभी सरकारी स्कूलों में जांच की गई तो उन्होंने यहां राष्ट्रीय पर्वों पर किसी प्रकार की मिठाई बांटने की बात से इनकार कर दिया।
विकास अधिकारी ने बताया कि जांच में प्रथम दृष्टया मामले में सत्यता पाई गई व सरकारी राशि का दुरुपयोग मिला है। इस मामले में भूनगड़ा अहीर के तत्कालीन सरपंच मोहनलाल कलावत एवं तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी बस्तीराम यादव को नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर शीघ्र सरकारी पैसे की वसूली की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में विभागीय कार्रवाई अलग से होगी।
यह हैं मामला ग्राम पंचायत भुनगड़ा अहीर से दीपेन्द्र आर्य को प्राप्त सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों में वर्ष 2016-17 में कैश बुक के पेज नम्बर 43 के क्रम संख्या 39 पर दस हजार रुपए खर्च राशि बच्चों को मिठाई वितरण के लिए अंकित किया हुआ है। इसी का बिल बाउचर भी सत्यापित कर उपलब्ध कराया गया जिसमें लिखा है कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के समस्त विद्यालयों में 26 जनवरी को बूंदी दाना वितरण किया जिसका भुगतान हलवाई रामप्रसाद को एक क्विंटल बूंदी दाने 100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दस हजार रुपए का किया गया। जब मिठाई वितरण की पुष्टि के लिए जब ग्राम पंचायत के अधीन राजकीय स्कूलों से आर्य ने सूचना ली तो स्पष्ट हुआ कि ग्राम पंचायत की ओर से बूंदी दाना वितरण नहीं किया गया जबकि इधर ग्राम पंचायत के बिल बाउचर में बूंदी दाना के लिए नकद राशि दस हजार खर्च किया होना अंकित है। इतना ही नहीं इसके अगले साल 2018 में भी कैश बुक के पेज नम्बर 54 के क्रम संख्या 33 में बच्चों की मिठाई वितरण संबंधी 20 हजार रुपए की राशि खर्च होना अंकित है। जबकि राजकीय विद्यार्थियों के हलक तक ग्राम पंचायत की मिठाई नहीं पहुंची।