
देखे...तालाब व बांधों हाल, इन्द्रदेव भी हैरान..
अलवर. बारिश के कारण तालाबों व बांधों में पानी की आवक शुरू हो गई लेकिन सिंचाई विभाग अब तक इनकी मरम्मत नहीं करा पाया। ऐसे में किसानों के लिए सिंचाई का संकट खड़ा हो सकता है। क्योंकि बारिश लगातार आगे हुई तो मरम्मत नहीं होगी और ऐसे में यहां पानी नहीं रुकेगा। ऐसे में खेतों तक पानी पहुंचना मुश्किल होगा। जानकार कहते हैं कि किसानों को फिलहाल सिंचाई के इंतजाम खुद रखने होंगे।
बारिश से पहले सिंचाई विभाग को बांध व तालाबों की मरम्मत करवानी होती है। जिले में करीब 22 बांध हैं। यहां पानी काफी मात्रा में एकत्रित होता है जो किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाता है। इस बार माहौल कुछ अलग है। बारिश अभी से तेज होने लगी है। पानी बांधों में आ भी रहा है। यदि पश्चिमी विक्षोभ इसी तरह हावी रहा तो बारिश का क्रम जारी रहेगा। जून माह में और पानी बांधों में आएगा जिसे बिना मरम्मत के सुरक्षित रखना मुश्किल होगा।
टेंडर की रकम बढ़ाने पर जोर: सिंचाई विभाग के अनुसार मानसून का समय 15 जून से 30 सितम्बर तक रहेगा। जिले में बड़े 22 बांध तो सिंचाई विभाग के अंतर्गत आते हैं और 216 नगर परिषद और ब्लॉक केंद्रों के अंतर्गत आते हैं। इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी नगर परिषद की होती है। सिंचाई विभाग की ओर से बांधों और तालाबों की मरम्मत के लिए गत वर्ष 39 लाख रुपए का टेंडर हुआ था, लेकिन इस साल दो लाख रुपए बढ़ाकर यह बजट 41 लाख का कर दिया है। यानी टेंडर की रकम बढ़ाने पर अफसरों का जोर रहा लेकिन काम कैसे जल्दी पूरा होना है, इस पर मंथन अब तक नहीं चल रहा।
जिले में बांधों व तालाबों के आंकड़े
राजगढ़ 14
रैणी 15
तिजारा 19
किशनगढ़बास 15
रामगढ़ 7
थानागाजी 4
लक्ष्मगढ़ 12
कठूमर 7
कोटकासिम 1
नीमराणा 3
बानसूर 1
बहरोड़ 2
मानसून आने से पूर्व ही बांधों और तालाबों की मरम्मत का काम पूरा करवा लिया जाएगा। मानसून का प्रभावी समय 15 जून से 30 सितम्बर तक होता है। बारिश के समय बांधों व तालाबों की मॉनिटरिंग भी करेंगे।रहेगी।
संजय खत्री, एक्सईएन, सिंचाई विभाग
Updated on:
28 May 2023 12:11 pm
Published on:
28 May 2023 12:01 pm
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