म्यूजिक सिस्टम व पंखा भी लगाया शहर में अभी तक ई रिक्शा या तो सवारी के लिए
काम आ रहे हैं, या फिर सामान की लोडिंग के। अंबेडकर चौराहा निवासी दौलत पिछले दस सालों से चौराहे पर गोलगप्पे बेचता है। ठेली को इधर उधर ले जाने के लिए पैदल ही उसके साथ चलना पड़ता है। इससे काफी थकान हो जाती हैं। इसी बात को
ध्यान में रखते हुए अपनी बचत के पैसों से ईरिक्शा खरीद लिया और अब इसे ठेली के रूप में काम में ले रहा है। इसमें म्यूजिक सिस्टम व सोलर पंखा भी लगवाया हुआ है। इस नए प्रकार की ठेली मेें गोलगप्पे के अलावा, पपडी, टिकिया आदि की बिक्री भी की जा रही है। शहर के भगतसिंह चौराहे पर ईरिक्शा वाली ठेली पर गोलगप्पे खाने के लिए लोगों की भीड़ रहती है। दौलत ने बताया कि सबसे खास बात यह है कि अब विशेष त्यौहार आदि पर जब घर पर बुलाया जाता है तो बहुत ही आराम से पहुंच जाते हैं।
लोग भी हो जाते हैं हैरान दौलत बताते हैं कि उनके इस आइडिये को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। लोगों द्वारा उनसे इस ई-रिक्शा के बारे में सवाल पूछे जाते हैं। वे इस ई-रिक्शा में और भी नए प्रयोग करने का सोच रहे हैं।