सहायता राशि मिलने का क्या है प्रावधान: विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता पिता के बच्चे, निराश्रित पेंशन पात्र विधवा माता के तीन बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा के बच्चे, एचआईवी, एड्स् पीडि़ता माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीडि़त माता- पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के तीन बच्चे, विशेष योग्यजन के बच्चे, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला के बच्चे व सिलिकोसिस पीडि़त माता-पिता के बच्चे इस योजना में सहायता राशि के लिए पात्र होते है।
यह मिलता है लाभ: इस योजना में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 750 रुपए एवं 6-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह राशि सरकार की ओर से दी जाती है। अनाथ श्रेणी में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 एवं 6-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 2500 रुपए प्रतिमाह दिया जाता है।
सत्यापन हो तभी मिलेगा पालनहार योजना का लाभ: विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योजना में 18 साल तक के अनाथ, एकल महिला की संतान सहित सात श्रेणियों के बच्चों को शिक्षा व पालन पोषण के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जाती है। योजना में प्रतिवर्ष बच्चों का ई-मित्र के माध्यम से सत्यापन करवाना होता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से पालनहार योजना के तहत स्कूलों में अध्यनरत बच्चों को वार्षिक सत्यापन करवाना अनिवार्य होता है। बिना इसके छात्रों को सहायता राशि नहीं दी जा सकती है। ऐसे में समय रहते विद्यार्थी का वार्षिक सत्यापन जरूरी है।
जिले में पात्र बच्चों की संख्या- 19 हजार 26
अब तक बच्चों का हुआ भौतिक सत्यापन- 16 हजार 813
भौतिक सत्यापन से वंचित बच्चों की संख्या- 2 हजार 213
ब्लॉक की सत्यापन स्थिति
योजना के सत्यापन में कठूमर-92, लक्ष्मणगढ-195, राजगढ-265, रामगढ-301, रैणी-221, थानागाजी-289, उमरैण-702, गोविन्दगढ-60, मालाखेडा-88 बच्चों की ओर से सत्यापन नहीं कराया गया है।
वार्षिक नवीनीकरण का कार्य नियमित जारी है। लोगों में जागरूकता के अभाव के कारण जिलें के कई बच्चें ने अब तक नवीनीकरण नहीं कराया है। विभाग द्वारा लगातार लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। अभी 31 मार्च तक का नवीनीकरण कार्य किया जा रहा है।
अनिल मच्या, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, अलवर