अदालत ने किया पुलिस की बेईमानी का पर्दाफाश, जिसे निर्दोष बताया, उसे आजीवन कारावास
अलवरPublished: Dec 23, 2019 10:41:01 pm
अलवर. पुलिस जब बेईमानी पर उतरती है तो वह सच को झूठ और झूठ को सच साबित करने की पुरजोर कोशिश करती है लेकिन अलवर जिले के एक न्यायालय ने उसके ऐसे ही एक झूठ का पर्दाफाश कर बलात्कार के उस आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जिसे पुलिस ने अपनी प्रारम्भिक जांच में निर्दोष बताकर जांच करने से ही इनकार कर दिया था।
अदालत ने किया पुलिस की बेईमानी का पर्दाफाश, जिसे निर्दोष बताया, उसे आजीवन कारावास
बलात्कार के मामले में न्यायालय ने दो जनों को आजीवन कारावास व तीस हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। घटना के समय एक दोषी को पुलिस ने बलात्कार में शामिल होना नहीं बताया था। लेकिन, अब न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
विशिष्ट लोक अभियोजक राजकुमार गंगावत ने बताया कि 21 अप्रेल 2018 को नौगावां थाना क्षेत्र के गांव में अभियुक्त धर्मवीर की बहन का शादी समारोह चल रहा था। उस समय धर्मवीर मेघवाल ने अपने साथी पदम सिंह पुत्र रामस्वरूप के साथ घर में अकेली नाबालिग के साथ बलात्कार किया। घटना के समय परिवार के लोग शादी में गए हुए थे। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान में अभियुक्त पदम सिंह पुत्र रामस्वरूप को इसमें शामिल नहीं होना बताया गया। केवल धर्म सिंह के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया। परिवादी पीडि़ता ने न्यायालय में गुहार लगई। उसके बाद पदम सिंह को आरोपी मान जांच शुरू की गई। अभियोजन की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत गवाह बयान व दस्तावेज साक्ष्यों के आधार पर सोमवार को सुनवाई पूरी हुई। इसके बाद न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा ने सामूहिक बलात्कार में दोनों को दोषी मानते हुए धर्मवीर व पदम सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा प्रत्येक पर तीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।